इंदौर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को इंदौर आए। वे एयरपोर्ट से हेलिकॉप्टर से सीधे उज्जैन पहुंचे। महाकाल का अभिषेक किया। भर्तृहरि की गुफा के भी दर्शन किए। इसके बाद दोपहर में इंदौर लौट आए। यहां राजबाड़ा स्थित देवी अहिल्या प्रतिमा पर नमन कर माल्यार्पण किया। फिर वे नाथ मंदिर पहुंचे और ध्वज स्तंभ का अनावरण किया। इसके बाद BRTS स्थित शिवाजी वाटिका में छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्यभिषेक की 350वीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए।
शिवाजी वाटिका पर आयोजित कार्यक्रम के बाद योगी आदित्यनाथ रवीन्द्र नाट्य गृह में आयोजित सम्मान समारोह में शामिल हुए। यहां कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने की। लोकमाता देवी अहिल्याबाई की 228 पुण्यतिथि तिथि के अवसर पर वहां उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए देरी से पहुंचने पर खेद व्यक्त किया। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सब का जीवन कालचक्र से बंधा हुआ है। यहां आने पर महाकाल के दर्शन करना जरूरी हो जाता है।उन्होंने कहा कि हम सब यहां लोकमाता देवी अहिल्या के 228वीं पावन पुण्यतिथि के अवसर पर जुड़े हैं। जैसा कि मुझे बताया गया कि लगभग 100 वर्षों से यह समिति इस कार्यक्रम का आयोजन कर रही है यह वैसा ही है जैसे किसी आयोजन के साथ समाज जुड़ जाता है। योगी ने कहा कि देश में ऐसे कई लोग हैं जो भारत और भारत की विरासत को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें राम और कृष्ण की परंपरा अच्छी नहीं लगती। ऐसे लोग विदेशी हुकूमत को आज भी अपना आका मानते हैं। ऐसे विचार के लिए भारत में जगह नहीं होना चाहिए।