भोपाल। मध्य प्रदेश के सभी जिलों में एक जनवरी 2024 से साइबर तहसील व्यवस्था लागू होगी। इसके बाद रजिस्ट्री होने के 15 दिन के भीतर क्रेता के पक्ष में नामांतरण होगा। इसके लिए अलग से कोई आवेदन नहीं करना होगा। इसी तरह अविवादित नामांतरण के लिए सभी पक्षों को तहसील कार्यालय आने की आवश्यकता भी नहीं होगी। मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव ने इस व्यवस्था के लोकार्पण के लिए शुक्रवार को केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह से भेंटकर आमंत्रित किया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया।
अंग्रेजी कैलेंडर के नए साल से मध्य प्रदेश के रहवासियों को नई सौगात मिलने जा रही है। दरअसल वर्ष 2024 की शुरुआत से पूरे प्रदेश में साइबर तहसील की संकल्पना लागू की जाएगी। बदली हुई व्यवस्था का असर यह होगा कि अब लोगों को तहसील कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने होंगे। रजिस्ट्री होने के 15 दिन के अंदर ही संपत्ति का नामांतरण क्रेता के पक्ष में हो जाएगा। इसके लिए अलग से आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि नरेन्द्र मोदी की प्रदेश की जनता को दी गई संकल्प-पत्र 23 की गारंटियों की पूर्ति के लिए सरकार संकल्पित है। इसी क्रम में पूरे प्रदेश में साइबर तहसील की अवधारणा लागू करने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव ने इस व्यवस्था के लोकार्पण के लिए शुक्रवार को केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। उन्होंने इस व्यवस्था के शुभारंभ के लिए केंद्रीय मंत्री शाह को आमंत्रित भी किया है। इस व्यवस्था के लागू होने के बाद लोग कार्यालय में चक्कर लगाए बिना ही नामांतरण भी करवा सकेंगे।
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