उज्जैन। उज्जैन में प्रतिवर्ष देवप्रबोधिनी एकादशी पर अखिल भारतीय कालिदास समारोह के ही साथ लगने वाला हस्तशिल्प व हथकरघा मेला इस बार आचार संहिता की भेंट चढ़ता नज़र आ रहा है। दरअसल चुनावी आचार संहिता लागू होने के चलते मेले का आयोजन खटाई में पड़ता दिखाई पड़ रहा है। हालांकि कालिदास संस्कृत अकादमी और नगर निगम को निर्वाचन आयोग की अनुमति मिल जाने के बाद माना जा रहा था कि जिला पंचायत के तत्वावधान में लगने वाले हस्तशिल्प और हथकरघा मेले का आयोजन किया जाना भी अब आसान हो जाएगा और आने वाले कुछ दिनों में इस दिशा में काफी काम शुरू होने लगेगा लेकिन ऐसा होते नज़र नहीं आ रहा है।
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गौरतलब है कि प्रति वर्ष लगने वाले इस मेले को लेकर शहरवासियों में बड़ी उत्सुकता
विभागीय औपचारिकताओं और प्रशासनिक विभागों के अनुमति पत्रों के इंतजार में हस्तशिल्प मेले का आयोजन ठंडे बस्ते में जाते हुए नज़र आ रहा है। गौरतलब है कि प्रति वर्ष लगने वाले इस मेले को लेकर शहरवासियों में बड़ी उत्सुकता रहती है। शहर में नए और पुराने शहर में बसने वाले लोग बेसब्री से इस मेले के इंतजार में रहते हैं, लेकिन संभावना है कि इस बार लोगों को मायूसी का ही सामना करना पड़ेगा। इस मामले में जिला पंचायत सीईओ मृणाल मीणा ने बताया कि फिलहाल मेले के आयोजन को लेकर विभागीय अनुमति नहीं मिल पाई है। जिसके चलते इसके आयोजन को लेकर कुछ भी नहीं कहा जा सकता है।