ग्वालियर। शहर असुरक्षित है। बाजारों में त्योहार के बाद शादियों के चलते भारी भीड़ है, लेकिन लोगों को सुरक्षा देने में पुलिस नाकाम है। यही कारण है- शहर में लुटेरे लूट की ताबड़तोड़ वारदातों को अंजाम दे रहे हैं, इनके हौसले बुलंद हैं। इन्हें रोक पाना तो दूर पुलिस पकड़ने में भी असफल रही है। विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लगने के बाद पुलिस शहर में हाइअलर्ट पर थी, लेकिन हाइअलर्ट में भी पुलिस लुटेरों को नहीं रोक सकी और लोग सड़कों पर लुटते रहे। मतदान संपन्न होने के अगले ही दिन लुटेरों ने फिर कारोबारी को लूट लिया। पुलिस सड़कों से गायब थी, इसका फायदा बदमाशों ने उठाया। नौ अक्टूबर को आचार संहिता लगने के बाद से अब तक 41 दिन में लूट की 10 वारदात हो चुकी हैं।
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बहोड़ापुर इलाके में लूट की तीन वारदात हुईं
बहोड़ापुर इलाके में लूट की तीन वारदात हुईं। महिलाओं की सोने की चेन से लेकर मोबाइल तक लूटा गया। बिजौली में कार से टक्कर मारने के बाद लुटेरे दंपती से गहने लूट ले गए। अब तक पुलिस इस वारदात में आरोपितों को नहीं पकड़ पाई है। दंपती घायल हो गए थे। पुरानी छावनी इलाके में बाइक सवार की मारपीट कर तीन बदमाश रुपये लूट ले गए। द्यगोला का मंदिर इलाके में महिला के साथ चेन लूट की वारदात हुई। हाइअलर्ट में यह वारदात हुई थी। उपनगर ग्वालियर में भी महिला से लूट हुई। पैदल आया बदमाश महिला का मंगलसूत्र लूट ले गया। इस मामले में पुलिस ने आरोपित को कुछ ही घंटों में पकड़ लिया था। माधोगंज इलाके में बस से उतरकर टायलेट के लिए गई महिला को लुटेरे ने पीटा था। महिला पर चाकू से हमला भी कर दिया था और रुपये लूट ले गया था। पुलिस ने आरोपित को छह घंटे में पकड़ लिया था। सिटी सेंटर इलाके में डीआइडीइ के पूर्व डायरेक्टर की साली की सोने की चेन बदमाश लूट ले गए।
पुलिस ने इस मामले में एफआइआर ही दर्ज नहीं की थी
घटना के बाद पुलिस ने इस मामले में एफआइआर ही दर्ज नहीं की थी, जबकि लुटेरे सीसीटीवी कैमरे में भी नजर आए थे। लश्कर के लोहिया बाजार में कारोबारी के साथ रात 10.30 बजे लूट हुई। मतदान के दूसरे ही दिन लूट की यह वारदात हो गई। पुलिस लुटेरों को नहीं पकड़ सकी है। लुटेरे कट्टा अड़ाकर 40 हजार रुपये और एक्टिवा लूट ले गए। लुटेरे वारदात करने के बाद संकरी गलियों से भाग रहे हैं और पुलिस की घेराबंदी और चेकिंग को भी चकमा दे रहे हैं। पुलिस भले ही चौराहों पर चेकिंग का दावा करे, लेकिन चेकिंग सिर्फ यातायात नियम तोड़ने वाले वाहन चालकों को पकड़ने तक ही सीमित है। चौराहों पर पुलिसकर्मी बाइक पर बैठे नजर आते हैं। लूट की जो घटनाएं हुई हैं, उनमें से कुछ घटनाओं में आरोपित पकड़े गए हैं। जिन घटनाओं में आरोपित नहीं पकड़े गए, उनकी तलाश के लिए टीमें लगाई जाएंगी। चेकिंग और गश्त बढ़ाई जाएगी।