उज्जैन। लीज नवीनीकरण और अन्य प्रमुख मांगों को लेकर सोमवार से कृषि उपज मंडी में व्यापारियों की हड़ताल शुरू हो गई है। प्रदेश व्यापी आंदोलन के तहत उज्जैन में भी पहले दिन सुबह से ही हड़ताल का असर दिखाई दिया। गौरतलब है कि मंडी व्यापारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल करने का ऐलान किया है।
इसके तहत व्यापारियों द्वारा न तो निलामी कार्य में हिस्सा लिया जाएगा और न ही संबंधित अन्य व्यापारिक कार्य ही किए जाएंगे। इसके साथ ही धरना प्रदर्शन जैसे कार्यक्रम भी शामिल किए गए।
व्यापारी महासंघ की प्रांतीय कार्यकारणी ने लीज नवीनीकरण तथा अन्य मुद्दों पर सरकार का रुख स्पष्ट नहीं होने से 4 सितंबर से प्रदेश की मंडियों में हड़ताल करने का निर्णय लिया था । इसके पहले शासन से मुद्दों के निराकरण की मांग भी की थी। बाजवूद इसके समाधान नहीं होने पर सोमवार से हड़ताल पर जाने का फैसला लिया था। हालांकि उज्जैन कृषि उपज मंडी में पिछले १० दिन से कारोबार नहीं हो रहा है। यहां निलामी नहीं होकर अन्य कारोबार की दुकानें खुली हुई थी। सोमवार से शुरू होने वाली हड़ताल में यह भी बंद रहेगा। महासंघ अध्यक्ष गोपाल दास अग्रवाल ने बताया कि हमारी मांगे पिछले दो साल से लंबित है। सरकार को कई बार बताने के बाद भी निर्णय नहीं लिया। उज्जैन मंडी में व्यापारी मंगलवार से अपनी मांगोंको लेकर धरना प्रदर्शन करना भी शुरू करेंगे।
इनका कहना है
सीएम साहब से चर्चा होना थी लेकिन जानकारी मिली है कि जन आशीर्वाद यात्रा में व्यस्तता होने के कारण कुछ दिनों बाद ही चर्चा होगी। इसलिए हड़ताल शुरू कर दी गई है। –राजेन्द्र राठौर, मीडिया प्रभारी
यह प्रमुख मुद्दे है
जिन मुद्दों को लेकर हड़ताल की जा रही है उनमें प्रमुख रूप से शामिल है –
- लीज रेंट के नए प्रावधनों का विरोध । इसमें कलेक्टर गाइड लाइन से प्लॉट की कीमत पर 2 फीसदी लीज रेंट का सालाना प्रावधान है।
- निराश्रित शुल्क समाप्त करना तथा मंडी शुल्क को एक फीसदी करना
- लेखा सत्यापन समाप्त करना
- अधिनियम के प्रावधानों का सरलीकरण करना।
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