उज्जैन। रक्षाबंधन का त्योहार नजदीक है। ऐसे में बहनें अपने भाइयों का मुंह मीठा कराने के लिए नई-नई रेसिपी ट्राय करती हैं। आपको उज्जैन की ऐसी मिठाई के बारे में बताते हैं, जो सिर्फ खाचरौद में मिलती है। वह भी एक ही दुकान पर। इसका स्वाद ऐसा है कि जिसने एक बार खाया, वह भूल नहीं पाया।
इस बार एमपी का जायका सीरीज में आपको मावा रेवड़ी के बारे में बताते हैं। इसका सफर 70 साल पहले शुरू हुआ था। बड़ी बात ये भी है कि इस मावा रेवड़ी पर खाचरौद के एक ही परिवार का वर्चस्व है। यानी यह मिठाई सिर्फ एक ही दुकान पर मिलती है। इसे बनाने की प्रक्रिया भी जटिल है। अन्य लोगों ने भी इसे बनाने कोशिश की, लेकिन गुरुकृपा की रेवड़ी जैसा स्वाद नहीं दे सके। यही कारण है कि देश-विदेश तक लोग इसके दीवाने हैं। ये मिठाई पाकिस्तान भी ले जाई जाती है। खास ये भी है कि जितना लाजवाब इसका स्वाद है, उतनी ही मेहनत इसे बनाने में लगती है खाचरौद के शुक्रवारिया बाजार में ज्ञानचंद लुणावत की दुकान है । यह दुकान गुरुकृपा रेवड़ी वाले के नाम से संचालित है। दुकान में वैसे तो कई तरह की मिठाई और नमकीन बेची जाती हैं, लेकिन लोगों की जुबान पर स्वाद रेवड़ी का चढ़ा हुआ है। दुकान रेवड़ी वाले के नाम से ही फेमस है।