उज्जैन। सोमवार 21 अगस्त को बाबा महाकाल की सातवीं सवारी गाजे बाजे के साथ निकलेगी। श्रावण-भादौ माह की इस सातवीं सवारी के दौरान भूत भावन भगवान महाकाल चांदी की पालकी में जहां भगवान चंद्रमौलेश्वर स्वरूप में अपनी प्रजा को दर्शन देंगे वहीं रथ पर जटाशंकर स्वरूप में बाबा महाकाल विराजमान होंगे।
सवारी शाम 4 बजे मंदिर प्रागंण से पूजा अर्चना के बाद शुरू होगी। गौरतलब है कि आज सोमवार को नागपंचमी का भी त्योहार है तथा शाम को सवारी भी निकाली जाएगी। सवारी में हाथी पर मनमहेश की प्रतिमा विराजित होगी। सवारी के साथ गरूड़ पर सवार भगवान शिव तांडव की प्रतिमा, नंदी रथ पर उमा महेश, डोल रथ पर होल्कर स्टेट का मुखारविंद, रथ पर घटाटोप और अंत में जटाशंकर का मुखारविंद शामिल होगें। सवारी निकलने से पहले महाकालेश्वर मंदिर स्थित सभा मंडप में भगवान की प्रतिमाओं का पूजन-अर्चन किया जाएगा। महाकाल मंदिर से शाम चार बजे शाही ठाठ-बाट के साथ भगवान महाकाल की सवारी शुरू होगी। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवान पालकी में सवार राजा महाकाल को गार्ड ऑफ ऑनर देगें। सवारी मंदिर से प्रारंभ होकर कोट मोहल्ला, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंचेगी। यहां शिप्रा जल से भगवान महाकाल का अभिषेक कर पूजा अर्चना की जाएगी। पूजन के बाद सवारी परंपरागत मार्ग से होते हुए पुन: महाकाल मंदिर पहुंचेगी।