उज्जैन। अक्षय कुमार अभिनित फिल्म ओ माय गाॅड-2 के खिलाफ एक बार फिर महाकाल मंदिर के पुजारियों ने मोर्चा खोलकर थाने की शरण ली है। साथ ही सूबे के धर्मस्व मंत्री को भी पत्र लिखकर यह मांग रखी गई है कि फिल्म में से महाकाल मंदिर के दृश्य हटाने के लिए वे कार्रवाई करें। गौरतलब है कि इस फिल्म का फिल्मांकन उज्जैन के विभिन्न क्षेत्रों के साथ ही महाकाल मंदिर में भी हुआ है लेकिन इसे सेंसर बोर्ड ने ए ग्रेड का दर्जा दिया है और इसके बाद से मंदिर के पुजारियों ने फिल्म को लेकर मोर्चा खोल रखा है।
महाकाल मंदिर के पुजारी कोर्ट का नोटिस देने के बाद अब अक्षय कुमार सहित निर्माता और निर्देशक पर एफआईआर दर्ज कराने के लिए चिमनगंज मंडी थाने पहुंचे। यहाँ थाने में तीनो के खिलाफ धार्मिक भावना आहत करने का आवेदन देकर जल्द से जल्द एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। महाकाल मंदिर के पुजारी महेश शर्मा और पुजारी महासंघ के सचिव रुपेश मेहता गुरुवार रात को चिमनगंज मंडी थाने में फिल्म के एक्टर अक्षय कुमार,फिल्म के निर्माता विपुल शाह, निर्देशक अमित राय, भारतीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून कुमार जोशी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने पहुंचे। पंडित महेश शर्मा ने बताया कि अपने वकील के माध्यम से सूचना पत्र प्रेषित कर यह सूचित किया था कि सूचना पत्र प्राप्ति से 24 घण्टे के भीतर भगवान शिव के प्रति जो अपमान जनक चित्रांकन किया गया है उसे तुरंत हटावे व भगवान शिव के प्रति आस्था रखने वाले समस्त लोगों से सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगे लेकिन सूचना मिलने के बाद भी उक्त लोगों के द्वारा विवादित दृश्य हटाए नहीं गए और न क्षमा याचना की है। जिसको लेकर थाने में सभी के खिलाफ 295 A, 298 505 में एफआईआर दर्ज करने के लिए शिकायती आवेदन दिया है।
जिम्मेदारों पर कार्यवाही की बात
एक अन्य आवेदन धर्मस्व मंत्री उषा ठाकुर को भी दिया जा रहा है जिसमे सभी जिम्मेदारों पर कार्यवाही की बात कही गई है। शिकायती आवेदन में महेश पुजारी और रुपेश मेहता ने लिखा कि फिल्म में दिखाया गया है कि भगवान शिव की उत्पत्ति किस प्रकार हुई है जबकि भगवान शिव स्वयंभू है एवं भगवान शिव के गण के रूप में जो चित्रण अक्षय कुमार के ऊपर किया गया है वह शिव के गण का नहीं भगवान शिव का ही चित्रण है क्योंकि विष पीने की शक्ति भगवान शिव के अलावा किसी अन्य को नहीं है इसीलिए श्रद्धा स्वरूप आकड़ा एवं धतूरा भगवान शिव को चढ़ाया जाता है। साथ ही उक्त फिल्म में भगवान शिव के जलाभिषेक के समय अक्षय कुमार को स्नान करते हुए दर्शाया है जबकि जलाभिषेक भगवान शिव का ही होता है न कि उनके गण का। साथ ही भस्म लेपन भी भगवान शिव का ही होता है न कि शिव के गण का। जो यह दर्शाता है कि फिल्म में जो चित्रांकन किया गया है वह भगवान शिव का ही किया गया है। मात्र ध्यान भटकाने के लिये भगवान शिव के गण का नाम उस पात्र को दिया गया है। फिल्म में श्री महाकालेश्वर मंदिर की परम्परा के साथ भी छेडखानी की गई है।
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