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गुरू के वक्री होते ही चमकेगी इन राशियों की किस्मत

ByShri Mahakal Lok TV

Aug 5, 2023

वैदिक ज्योतिशास्त्र में ग्रहों का बड़ा महत्व होता है और गुरु ग्रह का भी विशेष स्थान होता है। देवगुरु बृहस्पति का राशि परिवर्तन काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। गुरु एक राशि से दूसरी राशि में जाने के लिए करीब 13 महीनों तक समय लगाते हैं, ऐसे में समृद्धि के कारक गुरु ग्रह सितंबर में वक्री होने जा रहे हैं।

वही विपरीत राजयोग का भी निर्माण होगा। चुंकी हाल ही में बुध ग्रह ने मिथुन राशि में प्रवेश किया है, और सूर्य पहले से ही मिथुन राशि में विराजमान है, इसका लाभ मीन सिंह मिथुन राशि वालों को मिलेगा। धन लाभ के साथ वाहन, संपत्ति का सुख प्राप्त होता है। ज्योतिष के अनुसार बीते 22 अप्रैल 2023 को गुरु अपनी स्वराशि मीन राशि से निकलकर अपने मित्र ग्रह मंगल की राशि मेष में प्रवेश किया था और तभी से यह इसी में हैं। वहीं गुरु के मेष राशि में आने से पहले से इसी राशि में मौजूद राहु संग संयोग बना हुआ है जिससे गुरु-चांडाल दोष पैदा हुआ है और अब देवगुरु बृहस्पति 4 सितंबर 2023 को शाम के करीब 5 बजे वक्री अवस्था में आ जाएंगे। फिर ये 31 दिसंबर 2023 को सुबह वक्री अवस्था से बाहर आ जाएंगे। गुरु के 4 सितंबर 2023 को वक्री होने पर कुछ राशि के जातकों पर इसका शुभ प्रभाव देखने को मिल सकता है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब कुंडली के छठे, आठवें, बारहवें, भाव के स्वामी युति संबंध बनाते हैं, तो विपरीत राजयोग का निर्माण होता है। इस योग में त्रिक भावों और उनके स्वामियों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। वैसे त्रिक भावों को ज्योतिष शास्त्र में शुभ नहीं माना जाता लेकिन कुछ विशेष परिस्थियों के कारण यह शुभ फल देने लगते हैं, वहीं मुख्यत: त्रिक भावों में से किसी भाव का स्वामी (जैसे षष्ठम भाव का द्वादश में) किसी अन्य त्रिक भाव में विराजमान हो तो इस योग का निर्माण होता है।

कैसा रहेगा प्रभाव

मेष राशि : मेष राशि के लोगों को गुरु का वक्री होना बेहद शुभ होगा। किस्मत का साथ पूरा मिलेगा। आपका रुके हुए काम जल्द ही पूरे होंगे। करियर और कारोबार में आपको अच्छा लाभ होगा। इस दौरान आपको अच्छा खासा धन लाभ होने के संकेत हैं।नौकरीपेशा जातकों के लिए नई नौकरी की तलाश अब पूरी होंगी। धर्म-कर्म में आपकी रुचि पहले से ज्यादा होगी।

कर्क राशि :  सितंबर का महीना बहुत ही शुभ साबित होने जा रहा है। गुरु का वक्री होना किसी वरदान से कम नहीं है। गुरु की चाल में यह बदलाव आपकी कुंडली के दसवें भाव में होगा। करियर और कारोबार में वृद्धि देखने को मिलेगी। गुरु के वक्री होने से कर्क राशि के जातकों का मान-सम्मान बढ़ेगा। व्यापार में अच्छा खासा मुनाफा देखने को मिलेगा। करियर में तरक्की के अच्छे संकेत है। रूका हुआ धन मिलेगा।  बेरोजगारों के लिए गुरु का वक्री होना किसी वरदान से कम नहीं है। नौकरी की प्राप्ति की अच्छी संभावना है।

सिंह राशि : देव गुरु बृहस्पति का वक्री होना लाभकारी माना जा रहा है. सिंह राशि के जातकों को संतान की तरफ से कोई शुभ समाचार प्राप्त हो सकते हैं। जो लोग रिसर्च से जुड़े हुए हैं उनके लिए तरक्की के रास्ते खुल सकते हैं। समय अच्छा माना जा रहा है।  लंबे समय से रुके कार्यों में गति आएगी. आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। आय में बढ़ोत्तरी के योग बन रहे हैं। परिजनों को कई क्षेत्र में तरक्की मिलेगी।विपरित राजयोग का भी लाभ मिलेगा।

मिथुन राशि : गुरु आपकी कुंडली के आय के भाव में वक्री होने जा रहे हैं।आपकी अच्छी इनकम होने की संभावना है। कार्यक्षेत्र में आपको दबदबा बढ़ेगा। अचानक से धन लाभ हो सकता है, कुछ लग्जरी चीजों की खरीदारी कर सकते हैं। वैवाहिक जीवन के लिए गुरु का वक्री होना किसी वरदान से कम नहीं है। इस दौरान कुछ ऐसे संयोग बनेगे जिससे आप कोई नई प्रापर्टी की खरीदारी कर सकते हैं।

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