उज्जैन.धार्मिक नगरी उज्जैन मे एक ऐसा चमत्कारी और दिव्य शिवलिंग हैं, जिनका पूजन-अर्चन करने से मनुष्य के समस्त कष्ट समाप्त हो जाते हैं. ऐसा दावा मंदिर के पुजारी करते हैं. यह मंदिर बायपास रोड पर है. यहां सावन में हर दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु भगवान की पूजा-अर्चना के लिए उमड़ रहे हैं. मंदिर में भगवान शिव की प्रतिमा पारद से बनी हुई है.
मंदिर के पुजारी पंडित कविंद्र भारद्वाज ने बताया कि श्री हाटकेश्वर महादेव का शिवलिंग महालिंग है. लगभग 8 वर्ष पूर्व इस मंदिर की स्थापना हुई थी. कविंद्र भारद्वाज के मुताबिक, शास्त्रों में इस बात का वर्णन है कि पाषाण से बने शिवलिंग के पूजन से 100 गुना अधिक लाभ स्वर्ण से बने शिवलिंग की पूजा अर्चना करने से मिलता है. जबकि स्वर्ण से बने शिवलिंग की पूजा से 100 गुना अधिक फल माणिक से बने शिवलिंग का पूजन करने से मिलता है. इसी प्रकार माणिक से 100 गुना अधिक फल पारद शिवलिंग का पूजन करने से प्राप्त होता है. यही कारण है कि पारद से बने शिवलिंग को महाशिवलिंग कहा जाता है, जिनका पूजन-अर्चन करने से समस्त कष्टों का निवारण हो जाता है. धार्मिक नगरी उज्जैन मे एक ऐसा चमत्कारी और दिव्य शिवलिंग हैं, जिनका पूजन-अर्चन करने से मनुष्य के समस्त कष्ट समाप्त हो जाते हैं. ऐसा दावा मंदिर के पुजारी करते हैं. यह मंदिर बायपास रोड पर है. यहां सावन में हर दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु भगवान की पूजा-अर्चना के लिए उमड़ रहे हैं. मंदिर में भगवान शिव की प्रतिमा पारद से बनी हुई है.
पारद का क्या होता है मतलब
पारद का पूरा अर्थ प यानी विष्णु, आ मतलब ब्रह्मा, र का अर्थ रुद्र और द का अर्थ काली से होता है. यदि हम पारद शिवलिंग का पूजन करते हैं तो इससे हमें सभी देवी देवताओं का पूजन करने का फल प्राप्त होता है. मंदिर में भगवान शिव के साथ ही माता पार्वती श्री गणेश, कार्तिकेय और नंदी जी की प्रतिमा विराजमान हैं. वहीं, मंदिर में महामृत्युंजय यंत्र भी स्थापित किया गया है.