भोपाल। प्रदेश के विभिन्न शहरों में आंखों का संक्रमण फैल रहा है। स्थिति यह है कि अधिकांश लोग आंखों में काला चश्मा लगाए हुए देखे जा सकते है। इधर आंखों की बीमारियों का इलाज करने वाले चिकित्सकों का कहना है कि जिन लोगों को संक्रमण हुआ है वे इलाज कराए तथा जो बचे हुए है उन्हें सावधानी रखने की सलाह चिकित्सकों द्वारा दी गई है। हालात देखे जाएं तो जिले में प्रतिदिन मरीज संक्रमण का शिकार हो रहे हैं और इलाज के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं।
लक्षण और कारण
कंजक्टिवाइटिस आंखों का एक संक्रमण है। जिसे आमतौर पर पिंक आई के नाम से भी जाना जाता है। यह वायरस जनित संक्रामक रोग है। प्रमुख रूप से आंखों का लाल होना, जलन, खुजली और आंख से लगातार आंसू निकलना, साफ या पीला स्राव बहना, पलकें आपस में चिपक जाना, पलक में सूजन होना आदि प्रमुख लक्षण है।
यह अपने आप ठीक हो जाता है
सामान्य रूप से कंजक्टिवाइटिस के ठीक होने एक से छह सप्ताह का वक्त लगता है। आमतौर पर यह अपने आप ठीक हो जाता है। संक्रमित व्यक्ति कुछ बातों का विशेष ख्याल रखना चाहिए। जिसमें अपनी आंखों को छूने या पोंछने से परहेज करें। हाथ धोने के बाद ही किसी दूसरे व्यक्ति को छुएं। किसी संक्रमित व्यक्ति की आंखों से निकलने वाले आंसुओं के संपर्क में आने और फिर अपनी आंखों को छूने से लोगों में संक्रमण होने की आशंका काफी बढ़ जाती है। इसके अलावा सर्दी व खांसी के दौरान छींकने से भी संक्रमण फैल सकता है।
चिकित्सकों ने कहा- ये सावधानी रखें
नेत्र रोग विशेषज्ञों ने नागरिकों को सलाह दी है कि धूप में निकलने से पहले चश्मा पहनना चाहिए, आंखों को साफ पानी से धोना चाहिए और साफ तौलिए का इस्तेमाल करना चाहिए। दूसरे व्यक्ति का उपयोग किया गया तौलिया उपयोग न करें। तकिए के कवर को प्रतिदिन बदलते रहे। इसके अलावा काजल जैसे ब्यूटी प्रोडक्ट को एक दूसरे के साथ शेयर न करें और बार-बार आंखों को हाथ न लगाएं तो इस संक्रमण से बचा जा सकता है।
जारी की एडवाइजरी
मरीजों की बढती संख्या को देखते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्य प्रदेश ने प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियोंको निर्देश देते हुए जनता के लिए एडवाइजरी जारी की है , चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं नेत्र संक्रमण से बचाव करने के लिए आमजन में जन जागरूकता बढ़ाने के लिए इसका प्रचार प्रसार किया जाये।