धार– प्रदेश भाजपा संगठन ने फैसला किया है कि जो कार्यकर्ता संगठन में कार्य कर रहे हैं वे विधानसभा चुनावों में उम्मीदवार नही होंगे। इसी कड़ी में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने धार व बालाघाट जिले के जिलाध्यक्ष को बदल दिया है। आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा नए व युवा चेहरे को मौका देना चाहती हैं। आगामी विधानसभा चुनावों में कई पुराने दिग्गज नेताओं के टिकिट गुजरात चुनाव की तर्ज पर काटे जायेगे और युवा व नए चेहरों को मौका दिया जायेगा।
आपको बता दें कि धार विधानसभा चुनाव में वर्तमान विधायक श्रीमती नीना विक्रम वर्मा एक दशक से विधायक बनी हुई हैं और धार विधानसभा क्षेत्र में विकास के कार्य भी किये हैं। उनकी छवि सहज, सरल, मिलनसार स्वभाव की रही हैं किंतु भाजपा की गाइडलाइन के अनुसार अब शायद टिकिट मिलना संभव न हो । नगरीय निकाय चुनावों में गुटबाजी के चलते विधायक श्रीमती नीना विक्रम वर्मा कमजोर साबित हुई है। चुनावी सर्वे में भी उनका पक्ष कमजोर नजर आ रहा है। सूत्र बताते हैं कि भाजपा के कार्यकर्ता ही उनसे नाराज चल रहे हैं। धार की जनता भी अब नया चेहरा देखना चाहती हैं।
इसी कड़ी में शायद कांग्रेस की ओर से कुलदीप सिंह बुंदेला का नाम लगभग तय माना जा रहा है। कुलदीप सिंह बुंदेला युवा नेता हैं और अपने स्वर्गीय पिता मोहन सिंह बुन्देला की छवि का लाभ ले रहे है और जमीन से जुड़े हुए नेता हैं और कांग्रेस की ओर से मजबूत ताकतवर उम्मीदवार दिखाई दे रहे हैं। इसी को देखते हुए भाजपा ने भी अपनी चुनावी रणनीति को बदलकर भाजपा जिलाध्यक्ष के पद से राजीव यादव को हटाकर संभवतः उन्हें विधानसभा चुनाव की तैयारी करने को कहा जायेगा। शायद धार विधानसभा चुनाव में अन्य कोई मजबूत दावेदार नही होने के कारण राजीव यादव को जिलाध्यक्ष पद से मुक्त किया गया है। दोनो ही उम्मीदवार मजबूत युवा पीढ़ी के नेता हैं और आम जनता में अच्छी खासी लोकप्रियता होने के कारण आम आदमी की पहली पसंद है। राजनीति के विशेषज्ञ भी नहीं बोल सकते कि कौन किस पर भारी रहेगा? यह तो आने वाला समय ही बतायेगा। यदि राजीव यादव चुनाव लड़ते है तो धार विधानसभा चुनाव में बड़ा ही रोचक कड़ा संघर्ष देखने को मिल सकता है।
पत्रकार राकेश साहू धार