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सीएम शिवराज ने शिक्षकों के लिए की ये बड़ी घोषणा, वेतन को लेकर अहम फैसला

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आज मुख्यमंत्री निवास भोपाल में आयोजित नवनियुक्त शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि अब से शिक्षकों को नियुक्ति के पहले साल 70 प्रतिशत वेतन मिलेगा और दूसरे साल से 100 प्रतिशत से वेतन दिया जाएगा। उन्होने कहा कि अब से शिक्षकों को दूसरे साल से ही 100 प्रतिशत वेतन दिया जाएगा। नवनियुक्त शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी वर्चुअली ‘प्रेरणा उद्बोधन’ दिया।

सीएम ने कहा कि ‘आज मैं एक फैसला कर रहा हूं, एक काम जो पिछली सरकार ने गलत किया था उसको मैं थोड़ा सुधार रहा हूं। अब पहले साल 70% और दूसरे साल 100% सैलरी दी जाएगी। चार हिस्सों में बांटना मुझे तो न्याय नहीं लगता, तरसा- तरसा के देना मुझे ठीक नही लगता। इसलिए पहला साल अपनी परीक्षा का है तो 70% दूसरे साल अच्छा पढ़ाओ 100% वेतन। मैं मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग को बधाई देना चाहूंगा, दोनों विभागों को। आपने बहुत गंभीरता से नयी शिक्षा नीति लागू करने का काम किया है, लगातार हम लोग प्रयास कर रहें है। नेशनल अचीवमेंट सर्वे में हम लोग 17वें नंबर पर थे आज हम लोग 5वें नंबर पर पहुंच गए हैं।’ वर्ष 2021 से लेकर अब तक 60 हजार से अधिक शिक्षक नियुक्त हुए है, 53 जिलों के हिसाब से विगत 3 वर्षो में प्रदेश के प्रत्येक जिले में औसतन 1000 से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति हुई है।

कमलनाथ सरकार के फैसले को बदला

बता दें कि कमलनाथ सरकार द्वारा नवनियुक्त शिक्षकों को 3 साल का प्रोबेशन पीरियड और 70-80-90% सैलरी का फॉर्मूला लागू किया गया था। शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी होने के बाद तत्कालीन सरकार द्वारा मूल विज्ञापन में पूर्ण वेतन और 2 वर्ष की परिवीक्षा अवधि का उल्लेख किया गया था। हालांकि सत्ता परिवर्तन के बाद कमलनाथ सरकार द्वारा 2019 में राष्ट्रपति में संशोधन किया गया। वहीं परिवीक्षा अवधि 2 वर्ष की जगह 3 वर्ष और आरंभ से ही 100% वेतन की जगह पहले वर्ष मूल वेतन का 70 फीसद, दूसरे वर्ष 80 फीसद और तीसरे वर्ष 90% और चौथे वर्ष पूर्ण वेतन देने का प्रावधान कर दिया गया। इन 3 वर्षों की सेवा के दौरान वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ प्राप्त करने से उन्हें वंचित किया गया था, जिससे वे नाराज चल रहे थे।

सीएम के निर्णय से शिक्षकों में खुशी

अब सीएम शिवराज ने इसे बदलते हुए नियुक्ति के पहले साल 70 फीसदी और अगले ही साल से पूरा 100 फीसदी वेतन देने का निर्णय लिया है। इससे पहले लगातार कमलनाथ सरकार के फैसले को बदलने की मांग उठती रही थी। मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी कल्याण समिति ने कहा था कि इस व्यवस्था से शिक्षकों और कर्मचारियों को नुकसान हुआ है। उनकी मांग थी कि शिक्षकों की परिवीक्षा अवधि 3 साल से घटाकर 2 साल और सैलरी का फॉर्मूला पहले साल 80% और दूसरे साल से 100% किया जाए। सीएम ने जैसे ही ये घोषणा की सभा में सभी ने जोर से हर्ष व्यक्त किया। मुख्यमंत्री के इस बड़े फैसले के बाद नवनियुक्त शिक्षकों को बहुत राहत मिलेगी।

नवनियुक्त शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि उन्होने दर्शनशास्त्र में एमए किया और इसके बाद उन्होने भोपाल के हमीदिया कॉलेज में शिक्षण कार्य भी किया है। उन्होने कहा कि अगर वे राजनीति में नहीं आते तो निश्चित तौर पर एक शिक्षक होते क्योंकि इससे बेहतर कोई काम नहीं। वहीं उन्होने चुटकी लेते हुए कहा कि ‘आजकल मैं भाषण भी देता हूं तो भाषण कम देता हूं, पढ़ाता ही ज्यादा हूं। आजकल मैं लाडली बहना योजना पढ़ा रहा हूं।’ इस मौके पर उन्होने अपने गुरू रतनचंद्र जी को भी याद किया और कहा कि उनके जीवन को नई दिशा देने में उनका अहम योगदान है l

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