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श्री महाकाल लोक के सम्पूर्ण दर्शन

ग्रामीण आउटरीच कार्यक्रम के लिये युवा कृषकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम हुआ संपन्न।

सांची व गैरतगंज विकासखण्ड के 35 अमृत प्रशिक्षु ने लिया भाग।

रायसेन – कृषि विज्ञान केन्द्र रायसेन एवं इंडियन पोटाश लिमिटेड,नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में आई.सी.आर.ओ.अमृत प्रशिक्षु ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें नितेश कुमार शर्मा, सीनियर रीजनल मैनेजर, आई.पी.एल.भोपाल, एन.पी. सुमन, दुष्यंत धाकड़, मनोज रघुवंशी, सेल्स ऑफीसर,डॉ. स्वप्निल दुबे वरिष्ठ वैज्ञानिक व प्रमुख, नोडल अधिकारी आलोक कुमार सूर्यवंशी व डॉ. अंशुमान गुप्ता प्रमुख रूप से उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में ऑनलाईन मोड के माध्यम से डॉ. राजीव रंजन, निदेशक, आई.सी.आर.ओ. नई दिल्ली व श्रीमती निधि सिंह भी जुड़े।
कार्यक्रम का शुभारम्भ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती का दीप प्रज्वलन कर किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए डॉ. राजीव रंजन जी ने कहा कि आई.पी.एल.एवं नेशनल प्रोडक्टिविटी काउंसिल ने संयुक्त रूप सामाजिक उत्तरदायित्व में हिस्से के रूप में ग्रामीण आउटरीच के लिये आई.पी.एल. केन्द्र की स्थापना की एवं आई.सी.आर.ओ. अमृत प्रशिक्षु कार्यक्रम शुरू किया है। इस मॉड्यूल में भारतीय कृषि में समस्याऐं, फसल पद्धति, फसल चक्र, एकीकृत फसल उत्पादन तकनीक, उन्नत कृषि तकनीक, वर्षा जल का संचयन, मृदा स्वास्थ्य,जलवायु परिवर्तन, उद्यानिकी फसल, कृषक उत्पादक संगठन, कटाई उपरांत मूल्य संवर्धन आदि तकनीक को समाहित किया गया। जिसके माध्यम से कृषकों को जानकारी दी जायेगी। जिससे वे फसल के साथ उद्यानिकी,पशुधन,बकरी पालन को अपनाकर अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं। डॉ. स्वप्निल दुबे ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य कृषि उत्पादकता में वृद्धि के लिए कृषकों को जागरूक करना एवं पर्यावरण स्थिरता एवं प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण सुनिश्चित करना है। उपसंचालक कृषि एन.पी. सुमन ने कहा कि रायसेन जिले में धान,गेहूं, चना, मसूर की फसल कटाई के उपरांत प्रोसेसिंग युनिट दाल मिल आदि लगाकर, मूल्य संवर्धित कर अतिरिक्त लाभ कमाया जा सकता है।

रिपोर्ट :- उपेंद्र गौतम रायसेन।

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