उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध महाकाल की नगरी जिसे धार्मिक नगरी भी कहा जाता है। काल भैरव जयंती पर भगवान काल भैरव का स्वर्ण के आभूषणों से विशेष श्रृंगार किया गया। सुबह से ही हजारों भक्तों का बाबा के मंदिर में बाबा एक झलक पाने के लिए तांता लगा हुआ है। रात्रि होंगी आतिशबाजी काल भैरव के पुजारी ऐश्वर्य चतुर्वेदी ने बताया की बाबा के जन्मोत्सव रात्रि से ही चालू हो गया है। इस बार अष्टमी रात्रि 12:30 बजे से होने के कारण बाबा का रात मे भव्य श्रृंगार कर पूजन आरती व महाप्रसाद का आयोजन किया गया।
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रात भर से ही श्रद्धालुओं का आगमन लगा हुआ है
रात्रि में बाबा के दरबार में आतिशबाजी भी होगी। बाबा की यहां प्रतिमा बेहद चमत्कारी है। जो मदिरा ग्रहण करती है। यह चमत्कार को देखने श्रद्धालु देश विदेश से आते हैं। आज बाबा के जन्मोत्सव के उपलक्ष में रात भर से ही श्रद्धालुओं का आगमन लगा हुआ है। भगवान कालभैरव का मंदिर क्षिप्रा नदी के किनारे भैरवगढ़ क्षेत्र में स्थित है। इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता है कि यहां भगवान कालभैरव की प्रतिमा को शराब का भोग लगाया जाता है। और काल भैरव स्वयं शराब ग्रहण करते हैं। पुजारी द्वारा शराब का प्याला काल भैरव के मुख से लगाया जाता है। यह शराब पल भर में गायब हो जाती है।
उज्जैन में काल भैरव के दर्शन का विशेष महत्तव
यह चमत्कार देखने लोग देश विदेश आते हैं। उज्जैन में काल भैरव के दर्शन का विशेष महत्तव है। इसका उल्लेख स्कंद पुराण के अवंतीखंड में मिलता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, अष्ट महाभैरव में काल भैरव, विक्रांत भैरव, सीता विराजमान भैरव, अटल पाताल भैरव, आनंद भैरव, बटुक भैरव, दंड पाणि भैरव आदि का उल्लेख किया गया है। उनकी स्वीकृत यात्रा एवं व्रत उपवास करने से इच्छित मनोरथ की प्राप्ति होती है।