उत्तरकाशी। उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार सिल्कयारा सुरंग में फंसे सभी श्रमिकों को 1 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं। इसके अलावा घर जाने तक अस्पताल में इलाज की पूरी व्यवस्था की जाएगी। दिवाली के दिन से उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सुरंग में कैद 41 श्रमिक बाहर आ गए हैं। रैट माइनर्स की टीम ने मंगलवार को मजदूरों को सुरंग से बाहर निकालने में सफलता पाई। चिन्यालीसौड़ अस्पताल में भर्ती सुरंग से निकाले गए श्रमिकों से डॉक्टरों की टीम ने बात की। वहीं, प्रशासन की टीम भी मजदूरों से बात करने पहुंची। राज्य और केंद्र सरकार की सभी एजेंसियां, अधिकारी और कर्मचारियों ने जी-तोड़ मेहनत और जज्बे से इस मिशन को मुकाम तक पहुंचाया है।
17 दिन तक पूरी तन्मयता और मनोयोग से रेस्क्यू में जुटी रहीं
केंद्र और राज्य सरकार की तमाम टीमें पूरे 17 दिन तक पूरी तन्मयता और मनोयोग से रेस्क्यू में जुटी रहीं। मुख्यमंत्री धामी निरंतर स्थलीय निरीक्षण करने साथ ही रेस्क्यू टीमों की हौसला-अफजाई करते रहे। रेस्क्यू ऑपरेशन में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ, आरवीएनएल, एसजेवीएनएल, ओएनजीसी, आईटीबीपी, एनएचएआईडीसीएल, टीएचडीसी, उत्तराखंड शासन, जिला प्रशासन, थल सेना, वायुसेना समेत तमाम संगठनों के अधिकारियों और कर्मचारियों ने अहम भूमिका निभाई। मजदूरों के सुरंग से निकालने के बाद तुरंत चिन्यालीसौड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया। मजदूरों के यहां पहुंचने पर आस-पास के स्थानीय लोगों ने आतिशबाजी की। रेस्क्यू अभियान पूरा होने के बाद सीएम धामी और जनरल वीके सिंह मातली कैंप रवाना हो गए। बता दें कि सीएम धामी बीते कई दिनों से मातली में ही अस्थायी कैंप कार्यालय बनाकर डेरा जमाए थे।
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बौखनाग देवता का सिलक्यारा में भव्य मंदिर बनाया जाएगा
सुरंग में फंसे मजदूरों को समय काटने और मनोबल बढ़ाए रखने के लिए पाइप के रास्ते बैट-बॉल भेजे गए थे। अब इस बैट-बॉल को एनएचआईडीसीएल आफिस में स्मारक के तौर पर सहेज कर रखा जाएगा। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व मजदूरों के लिए मोबाइल फोन भेजे गए थे जिसमें वीडियो गेम और फिल्मी गाने थे, जिससे वह अपना मनोरंजन कर रहे थे। इसके बाद जब भोजन भेजने के लिए बड़ा पाइप लगा दिया गया तो उसके जरिए बैट-बॉल भी भेजा गया, ताकि वह खेलकर अपना समय गुजार सकें। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि बाबा बौखनाग और देवभूमि के देवी-देवताओं की कृपा से ऑपरेशन सफल हुआ है। बौखनाग देवता का सिलक्यारा में भव्य मंदिर बनाया जाएगा। इसके लिए अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों सभी श्रमिकों को सरकार एक-एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता देगी। इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा अस्पताल में इलाज और घर जाने तक की पूरी व्यवस्था की जाएगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फोन कर अपनी शुभकामनाएं दी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिलक्यारा में 41 श्रमिकों को सकुशल बाहर निकाले जाने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फोन कर अपनी शुभकामनाएं दी। प्रधानमंत्री ने इस दौरान श्रमिकों के बारे में मुख्यमंत्री से जानकारी ली। उन्होंने मुख्यमंत्री से जाना कि सुरंग से निकालने के बाद श्रमिकों के स्वास्थ्य देखभाल, घर छोड़ने व परिजनों आदि के लिए क्या व्यवस्थाएं की गई हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि सभी श्रमिकों को सुरंग से निकलने के बाद सीधे चिन्यालीसौड़ स्थित अस्पताल ले जाया गया है। जहां उनकी जरूरी स्वास्थ्य जांच आदि की जाएगी। साथ ही अवगत कराया कि श्रमिकों के परिजनों को भी फिलहाल चिन्यालीसौड़ ले जाया गया जहां से उनकी सुविधा के अनुसार राज्य सरकार उनको घर छोड़ने की पूरी व्यवस्था करेगी। सिलकयारा टनल में फंसे 41 श्रमिकों के सकुशल बाहर निकलने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अभियान में जुटे समस्त बचाव दल को अपनी शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा की श्रमिकों और उनके परिजनों के चेहरों की खुशी ही मेरे लिए इगास बग्वाल ( दिवाली ) है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बचाव दल की तत्परता, टेक्नोलॉजी के सहयोग, सुरंग के अंदर फंसे श्रमिक बंधुओं की जीवटता, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की जा रही पल- पल निगरानी और बौखनाग देवता की कृपा से यह अभियान सफल हुआ। मुख्यमंत्री ने जरुरी होने पर श्रमिकों को हर चिकित्सा सुविधा देने के उन्होंने आदेश दिए हैं। सिलक्यारा टनल में कैद 41 मजदूर 17वें दिन सुरक्षित बाहर आए। बचाव स्थल पर खुशी का माहौल है। मजदूरों को निकाल कर प्राथमिक उपचार के बाद एम्बुलेंस के माध्यम से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिन्यालीसौड़ में शिफ्ट किया जा रहा है।