उज्जैन। उज्जैन शहर की जीवनरेखा मानी जाने वाली मोक्षदायिनी क्षिप्रा नदी को ही गंदी और निर्माल्य से मुक्ति की दरकार है। हालात ये हैं कि नदी का पानी दूषित होता जा रहा है। दूसरी ओर आए दिन नदी के घाटों पर गंदगी पसरी रहती है। रविवार को शहर में छठ का पूजन हुआ। इस दौरान बड़े पैमाने पर महिलाओं ने क्षिप्रा नदी के घाटों पर पूजन अर्चन किया।
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छोटी रपट के पास नदी में यहां वहां निर्माल्य और वस्त्र तैरते मिले
इस दौरान नदी में दीपदान भी किया गया। लेकिन आज नदी की तस्वीर काफी चिंताजनक रही। छोटी रपट के पास नदी में यहां वहां निर्माल्य और वस्त्र तैरते मिले, वहीं घाटों पर भी कूड़ा और निर्माल्य का ढेर पड़ा रहा। घाटों पर पड़े इस ढेर में से अधिकांश सामग्री फिर से नदी के पानी में मिल गई। विधानसभा चुनाव को लेकर प्रदेश में आचार संहिता लागू है। नदी की दुर्दशा को लेकर एक ओर जहां राजनेता कुछ भी बोलने से बच रहे हैं वहीं जिम्मेदारों के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है।