संघ के सामाजिक समरसता के मंत्र के सहारे अब प्रदेश में भाजपा एक बड़ा सियासी दांव चलने जा रही है। यह ऐसा दांव है जिसके चलते ही भाजपा को राजनैतिक रुप से हारे हुए उस गढ़ की जीत आसान हो जाएगी , जिसकी वजह से बीते विस चुनाव में पार्टी को सत्ता से बाहर होना पड़ा था। संघ व भाजपा नेताओं द्वारा इस गढ़ की जीत के साथ ही दलित मतदाताओं को साधने के लिए तैयार की गई रणनीति की वजह से अभी से माने जाना लगा है कि इस बार दलित मतदाता पूरी तरह से भाजपा के पक्ष में ही खड़ा होगा। इसे जातिगत समीकरण साधने का सबसे बड़े सियासी दांव के रुप में देख जा रहा है। दरअसल इस दांव को चलने के लिए संघ भाजपा व सरकार ने मिलकर रणनीति तैयार की है। इसके तहत भाजपा का संगठन व सरकार मिलकर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए लोगों से मांगे गए सहयोग और उसके पक्ष में बनाए गए माहौल की ही तरह से संत रविदास मंदिर के लिए भी ठीक उसी तरह की ही मुहिम छेड़ने जा रही है। इसकी वजह से भाजपा को एक साथ कई मोर्चों पर फायदा हो सकता है। दरअसल प्रदेश में एस्ट्रोसिटी एक्ट को लेकर दिए गए बयान की वजह से अब भी ग्वालियर -चंबल अंचल के लोगों में नाराजगी बनी हुई है। यही नहीं इस तरह का कदम उठाए जाने से सरकारी खजाने पर भी आर्थिक भार नहीं आएगा और राजनैतिक रुप से इस वर्ग को समर्थन भी मिल जाएगा। इस मामले में भाजपा नेताओं का कहना है कि संत रविदास किसी एक जाति के नहीं, सर्व समाज के सर्वमान्य संत थे। सरकार सागर जिले में 1 करोड़ की लागत से संत रविदास मंदिर का निर्माण करने जा रही है। मंदिर के निर्माण में स्ष्ट मोर्चा के कार्यकर्ता घर-घर जाकर जिस तरह राम मंदिर निर्माण के लिए सहयोग लिया था, उसी प्रकार हर घर से ईंट, सीमेंट, गिट्टी, चावल का सहयोग मांगें। सरकार और समाज के सहयोग से एक-एक घर से कम से कम एक मु_ी चावल, एक ईंट और गांव की एक मुट्ठी मिट्टी या रेत दान में लें। अहम बात यह है कि इस मामले की कमान प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद ही सम्हाल रखी है।
नरयावली में हो रहा भव्य निर्माण
सागर जिले के नरयावली विधानसभा के बडतूमा गांव में संत रविदास मंदिर का निर्माण होना है। इसके लिए 11 एकड़ जमीन सरकार द्वारा दी जा चुकी है। इसके बाद ही इस पर निर्माण का काम शुरु कर दिया गया है। अब इस मंदिर निर्माण के लिए राम जन्म भूमि मंदिर निर्माण की तर्ज पर अगले कुछ महीनों में प्रदेशभर में यात्राएं निकालने की तैयारी है। प्रदेश भर में भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा इन यात्राओं का आयोजन कर सहयोग जुटाएगा। इसी तरह से 16 अप्रैल को ग्वालियर में भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा दलित वर्ग का बड़ा सम्मेलन करेगी। इस सम्मेलन में ग्वालियर चंबल सहित पूरे प्रदेश भर के अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को आमंत्रित किया जाएगा। कार्यक्रम में संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के जन्मदिवस और शिवराज सरकार द्वारा दलितों के सामाजिक उत्थान के लिए चलाई गई योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। इस मौके पर मुख्यमंत्री कई बड़ी घोषणाएं भी कर सकते हैं।
हर गांव में होगा शिला पूजन
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का इस मामले में कहना है कि संत रविदास का अनुयाई संपूर्ण समाज है, इसलिए उनके मंदिर का जो निर्माण होगा उसके लिए संत रविदास शिला पूजन गांव- गांव से समाज और कार्यकर्ता मदद करेंगे। लोगों को लगना चाहिए कि संत रविदास मंदिर निर्माण में हमारी भी ईंट लगी है ,यह प्रयास हम करेंगे अलग-अलग तरीके से अभियान चलेगा हमारी अनुसूचित जाति मोर्चा काम करेगा।
17 फीसदी है वोट बैंक
दरअसल, मध्य प्रदेश के 17 प्रतिशत एससी वोट बैंक पर कांग्रेस और बीजेपी दोनों की नजरे हैं। क्योंकि इस वर्ग का जिस पार्टी को साथ मिलता है, सत्ता तक पहुंचने की उसकी राह आसान हो जाती है. 2018 के विधानसभा चुनाव में भी इस वर्ग ने अहम रोल निभाया था। यही वजह है कि इस बार भी बीजेपी और कांग्रेस में इस वर्ग को साधने के लिए अभी बिछात बिछाई जा रही है। प्रदेश में एसटी की 47 सीटें हैं। इसके अलावा इस वर्ग का करीब आधा सैकड़ा सीटों पर बड़ा प्रभाव भी है।