भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि ज्योतिष का ज्ञान पूर्वजों की साधना और अनुसंधान की सौगात है। उन्होंने कहा कि समसामयिक जगत में ज्योतिष ज्ञान की प्रासंगिकता और महत्ता से युवा पीढ़ी को परिचित कराया जाना चाहिए।
श्री पटेल केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में प्रथम महर्षि पाराशर अंतर्राष्ट्रीय ज्योतिष सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के भोपाल परिसर, एस्ट्रोवर्स एवं जीवन वैभव ग्रुप के संयुक्त तत्वावधान में किया गया है।
राज्यपाल पटेल ने सत्यवान-सावित्री के परंपरागत दृष्टांत का उल्लेख करते हुए कहा कि परिश्रम से प्रारब्ध बनता है। उन्होंने कहा कि सत्यवान की मृत्यु की नियति को उनकी पत्नी ने अपनी बुद्धिमत्ता और प्रखरता से पति की प्राण रक्षा के साथ ही पूरे परिवार के सुखी जीवन में बदल लिया था। उन्होंने कहा कि धैर्य के साथ नीति के पथ पर चलते हुए कल्याणकारी कार्य करते रहने में जीवन की सार्थकता है। उन्होंने एक अन्य दृष्टांत के माध्यम से बताया कि ज्योतिष फल की इच्छा के बिना सत्कर्म करने और आत्मसंतोष का मार्ग प्रशस्त करता है। उन्होंने कहा कि सम्मेलन के दौरान ज्योतिष के द्वारा सांस्कृतिक मूल्यों के संवर्धन पर विचार किया जाना चाहिए। उद्घाटन सत्र में ऑनलाइन संबोधन में अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑफ वैदिक स्टडीज के डेविड ट्रालें ने ज्योतिष के महत्त्वपूर्ण आयामों पर प्रकाश डाला। ज्योतिष को विज्ञान के साथ ही कला बताते हुए वर्तमान समय की सामाजिक, राजनैतिक, तकनीकी, आध्यात्मिक स्थितियों और संवाद के परिदृश्य में ज्योतिष के नवाकार और नवाख्यान की जरूरत बताई। तकनीकी सुविधाओं और पर्यावरणीय परिवर्तनों के समावेशन की सम्भावनाओं पर विचार के लिए कहा है।