उज्जैन। नगर निगम और स्मार्ट सिटी में अभी तक भले ही करोड़ो रूपए बिजली के बिल की अदायगी में खर्च कर दिए जाते रहे हो लेकिन अब बिजली के बिल की बचत करने हेतु दोनों विभागों ने कवायद करना शुरू कर दी है और इसके तहत सोलर प्लांट लगाने की योजना को अमली जामा पहनाने हेतु प्रयास भी शुरू हो गए है। यदि सोलर प्लांट लग जाता है तो निश्चित ही करोडों रूपएबिजली के बिल पर खर्च होने से बच जाएंगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार सोलर प्लांट लगाने के लिए लगभग डेढ़ सौ करोड़ खर्च किए जाएंगे और इसे एक सौ पच्चीस एकड जमीन पर लगाया जाएगा।
करीब 30 करोड रुपए का बिल अदा
निगमायुक्त रौशन सिंह ने बताया की नगर निगम हर साल विद्युत कंपनी को करीब 30 करोड रुपए का बिल अदा करती है इस राशि को बचाने 25 मेगावाॅट क्षमता वाले सोलर प्लांट को प्रस्तावित किया गया है। यह प्लांट करीब 5 करोड़ रुपये प्रति मेगावाॅट की लागत में बनेगा जिसे ग्रीन बॉन्ड प्रक्रिया के द्वारा किया जाना है, इसकी क्षमता 16 लाख यूनिट प्रति मेगावाॅट होगी जिसके इंस्टालेशन हेतु 125 एकड़ भूमि की आवश्यकता है।
डीपीआर और दस्तावेज़ीकरण के कार्य प्रारंभ
प्रोजेक्ट की प्रारंभिक प्रक्रिया के लिए डीपीआर तैयार करने, प्लांट हेतु स्थान चयन करने और दस्तावेज़ की प्रक्रिया प्रारंभ करने के निर्देश दिए। स्मार्ट सिटी और नगर निगम की टीम ने डीपीआर और दस्तावेज़ीकरण के कार्य प्रारंभ कर विभिन्न स्थानों पर प्लांट के स्थापना हेतु परीक्षण प्रक्रिया शुरू कर दी है। सोलर प्लांट लगाने के लिए गंभीर डैम या सुसनेर के पास जमीन खोजी जा रही है ।जल्दी जमीन चयनित कर काम शुरू कर दिया जाएगा। सितंबर में पूरी योजना को धरातल पर लाने के आदेश दिए हैं।