उज्जैन। शहर में डेंगू जैसी बीमारी पैर पसार रही है। इससे मलेरिया विभाग के अधिकारी चिंता में है। एक जानकारी के अनुसार जिले में करीब दो पखवाड़े के बाद कुछ मरीज मिले है और इनमें से महाकाल दर्शन के लिए बाहर से आने वाले तीन श्रद्धालु भी शामिल है, जिनकी रिपोर्ट पाॅजिटिव पाई गई है। इधर जिला अस्पताल में भी ओपीडी में आने वाले मरीजों का ब्लड सैंपल लेने का सिलसिला जारी हो गया है। बता दें कि ओपीडी में इन दिनों बुखार के मरीज अधिक पहुंच रहे है, जिनका स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा ब्लड सेंपल लिया जा रहा है।
ताजा मामला जिले की बड़नगर तहसील के गांव आकासोदा का है। जहां के तीन मरीजों में डेंगू पाया गया है। मरीजों में डेंगू की पुष्टि होने के बाद मलेरिया विभाग की टीम ने लार्वा सर्वे किया और परिवार के बाकी के सदस्यों की ब्लड सैंपलिंग करवाई गई। जिला मलेरिया विभाग के अफसरों का कहना है कि मरीज स्थानीय नहीं है, बाहर से दर्शन के लिए आए थे, जिन्हें बुखार होने पर जांच करवाई थी। इसमें उन्हें डेंगू होना पाया गया। शहर और जिले में लार्वा सर्वे के बीच में उज्जैन में डेंगू का यह लगातार दूसरा मामला है। इसके पहले 13 अगस्त को भी एक मरीज में डेंगू पाया गया था, जिसे पहले प्राइवेट अस्पताल में और बाद में इंदौर रैफर किया गया। डेंगू के मरीज पाए जाने के बाद संक्रमण की भी आशंका बनी हुई है। पिछली बार एक मरीज के डेंगू पॉजिटिव पाए जाने के बाद परिवार के दूसरे सदस्य भी डेंगू संक्रमित हो गए थे। ऐसे में लोगों को अवेयर रहना होगा। माधवनगर अस्पताल प्रभारी व वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. एचपी सोनानिया का कहना है कि परिवार में किसी भी सदस्य को बुखार आने पर मरीज का ब्लड टैस्ट करवाया जाए, ताकि मरीज में डेंगू या मलेरिया की पुष्टि हो सके तथा मरीज का समय पर इलाज किया जा सके। मरीजों के प्लेटलेट तेजी से घटते हैं, ऐसे में बुखार के हर मरीज की जांच जरूरी है।
सामान्य रूप से देखे जाने वाले डेंगू के लक्षण
मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
शरीर पर पड़ने वाले लाल निशान जो थोड़े समय बाद ठीक होने के बाद पुनः वापस भी आ जाते हैं
तेज़ बुखार
बहुत तेज़ सिर दर्द
आँखों के पीछे दर्द
उल्टी आना और चक्कर महसूस होना
बचाव के उपाय –
अपने रहने की जगह और उसके आस पास के इलाकों में सम्पूर्ण स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए। अपने आसपास की जगहों को साफ करके रखने से आप मच्छरों को सरलता से दूर रख सकते हैं।
किसी जगह पर रुके हुए पानी में मच्छर पनप सकते हैं और इसी से डेंगू भी फैल सकता है। जिन बर्तनों का लंबे समय तक इस्तेमाल नहीं होना हो उनमें रखे हुए पानी को नियमित रूप से बदलते रहें । गमलों के पानी को हर हफ्ते बदलते रहें। मेनहोल, सेप्टिक टैंक, रुकी हुई नालियाँ और कुएं आदि जगहों को नियमित रूप से चेक करते रहें।
मच्छरों से बचाव के लिए सबसे पहले तो जब भी आप घर से बाहर जाएँ मच्छर से बचाव वाली क्रीम का उपयोग करें और सोने से पहले मच्छरदानी को अच्छी तरह से सेट कर लें।
यदि आप यहाँ बताए गए किसी भी लक्षण को देखते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और बताए गए उपचार का निर्देशानुसार पालन करें।
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