उज्जैन। सोमवार की सुबह सूबे के सीएम शिवराजसिंह चौहान महाकाल के दरबार पहुंचे। उन्होंने यहां आयोजित महारूद्र अभिषेक में हिस्सा लिया और भगवान महाकाल से प्रदेश में अच्छी वर्षा होने की कामना की। गौरतलब है कि प्रदेश में कई ऐसे शहर है जहां अच्छी बारिश नहीं होने के कारण किसानों के माथे पर चिंता की लकीर है।
सोमवार की सुबह सीएम महाकाल की भक्ति में लीन रहे। उन्होंने मुख्य पुजारी पंडित घनश्याम के आचार्यत्व में आयोजित महारूद्राभिषेक अनुष्ठान में हिस्सा लेकर पूजा अर्चना की। महाकालेश्वर मंदिर में सोमवार सुबह से देश-प्रदेश में अच्छी बारिश व जनकल्याण की भावना को लेकर श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति ने महारुद्र अनुष्ठान का आयोजन किया। चौहान सोमवार सुबह देवास रोड स्थित पुलिस लाइन पर हेलीकॉप्टर से पहुंचे। वहां भाजपा के पदाधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। इसके बाद वे सीधे श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे। वहां उन्होंने सर्वप्रथम बाबा महाकाल का पूजन-अर्चन अभिषेक किया। इसके बाद वे अनुष्ठान में शामिल हुए। श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी एवं महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के सदस्य पंडित राम शर्मा ने बताया कि देश और प्रदेश में अच्छी बारिश एवं जन-जन का कल्याण हो, इसी कामना के साथ महारुद्र अनुष्ठान किया जा रहा है। इसे महाकाल मंदिर के 66 पंडे-पुजारियों द्वारा किया जा रहा है। इस अनुष्ठान के सम्पन्न होने तक मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान भी शामिल रहे। जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने भी उनके साथ अनुष्ठान में भाग लिया। प्रदेश में खंड वृष्टि के चलते भादौ मास में पहली बार भगवान महाकाल का महारुद्राभिषेक अनुष्ठान किया गया। सोमवार सुबह सतत जलधारा प्रवाहित की गई। 66 ब्राह्मणों ने नंदी हॉल में बैठकर महारुद्राभिषेक के 102 आवर्तन किए। अनुष्ठान को अभिषेकात्मक किया गया। प्रदेश में इस बार सामान्य से 13 फीसद बारिश कम हुई है। इस वजह से देवाधिदेव महादेव महाकाल को मनाना नितांत आवश्यक है। पहली बार भादौ मास में यह अनुष्ठान हो रहा है। शास्त्रीय मान्यता के अनुसार वर्षा ऋतु में एक दिन शेष रहने पर भी इस प्रकार का अनुष्ठान किया जा सकता है।