हिंदू धर्म में हर माह कई खास त्योहार अलग-अलग स्थानों पर पूरी आस्था के साथ मनाए जाते हैं। ऐसे में सितंबर माह की शुरुआत होते ही कजरी तीज पर्व मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के मुताबिक, कजरी तीज 2 सितंबर 2023 को मनाई जाएगी। हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष को तृतीया तिथि पर कजरी तीज का व्रत रखा जाता है। कजरी तीज को कजली तीज, सातुड़ी तीज भी कहते हैं।
हिंदू मान्यताओं के मुताबिक, कजरी तीज व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत महत्व रखता है। महिलाएं सुहाग की सलामती, उन्नति और खुशहाली के लिए इस व्रत को निर्जला करती हैं। इस दिन महिलाएं शिव-पार्वती, तीज माता और नीमड़ी माता का पूजन करती है। इसके अलावा शाम के समय चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत का पारण करती है। कुंवारी लड़कियां भी अच्छे वर की प्राप्ति के लिए इस व्रत को रखती है।
ऐसे करें कजरी तीज की पूजा
सूर्योदय से पहले स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें।
दीवार के सहारे गोबर से तालाब जैसी आकृति बनाएं। नीम की टहनी को रोपें।
पूजा की चौकी पर शंकर-पार्वती, तीज माता की तस्वीर स्थापित करें।
विधि विधान से पूजा के बाद सत्तू का भोग लगाएं।
नीमड़ी माता की की पूजा के बाद चुनरी ओढ़ाएं।
दीवार पर मेहंदी, रोली और काजल की 13-13 बिंदिया अंगुली से लगाएं।
तालाब में दीपक की रोशनी में ककड़ी, नींबू, ककड़ी, नीम की डाली, नाक की नथ, आदि देखें
आखिर में चंद्रमा को अर्घ्य दें और आरती उतारने के बाद प्रसाद ग्रहण करें।