उज्जैन। बीजेपी ने भले ही उज्जैन जिले की तराना और घट्टिया विधानसभा सीटों से टिकट दे दिया हो लेकिन इसके बावजूद अब विरोध के स्वर भी सुनाई दे रहे है।
हालांकि बीजेपी के वरिष्ठों का यह कहना है कि हाईकमान के निर्देश और फैसले शिरोधार्य ही होते है लेकिन इसके बाद भी प्रत्याशियों का विरोध अंदर ही अंदर शुरू हो गया है। वैसे बीजेपी के वरिष्ठों का यह भी कहना है कि पार्टी के निर्देश पर कार्यकर्ताओं को संभालने का काम होगा ताकि जिले की सातों सीटों पर बीजेपी अपने विजय का परचम फहरा सके।
तराना जिले में बीजेपी प्रत्याशी ताराचंद गोयल को टिकट मिलने से नाराज कार्यकर्ताओं के बगावती सुर गुजरात से आये विधायकों को सुनने को मिले। इसका वीडियो भी वायरल हुआ है। प्रदेश में भाजपा ने हारी हुई जिन 39 सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए हैं, उनमें से कई सीटों पर प्रत्याशी के खिलाफ कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा। वरिष्ठ नेताओं को डैमेज कंट्रोल में लगाया गया है। इसके बावजूद कुछ सीटों पर असंतुष्टों ने चुनाव में सीट गंवाने तक की बात कह रहे हैं। गुजरात से तराना पहुंचे विधायक कल्पेश भाई परमार फीडबैक के लेने के साथ ही अन्य दावेदारों से संवाद करने पहुंचे। इसके अलावा पार्टी के पदाधिकारियों विधानसभा क्षेत्र मे आने वाले मंडलों के अध्यक्षों से भी बात की। इस दौरान बूथ अध्यक्ष और दावेदारों ने बीजेपी के पहली लिस्ट में शामिल नाम ताराचंद गोयल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि जिसे प्रत्याशी बनाया है, वो बीते 15 साल से घर बैठा था। एकाएक उन्हें प्रत्याशी घोषित कर दिया। पिछली बार 3 हजार वोट से हारे थे। इस बार 10 हजार वोट से हारेगी बीजेपी। बूथ अध्यक्ष पप्पू पाटीदार ने कहा कि टिकट का हमसे पूछा तक नहीं। सर्वे करवाकर टिकट देना था। आज भी सर्वे करवा लो, चार पांच नाम सबसे ज्यादा सामने आएंगे। नए आए लोगों को युवा मोर्चा में जिला उपाध्यक्ष सहित कुछ अन्य लोगों को दूसरे पद दे दिए गए। युवा मोर्चा में कांग्रेस से आए लोगों को पदाधिकारी बना दिया है।