जबलपुर। वेतनमान, भत्ते एवं पदोन्नति सहित अन्य मांगों को लेकर प्रदेश भर के पटवारी आंदोलन पर आमादा हैं। वे अनेक बार अपनी मांगों को लेकर चेतावनी दे चुके हैं। लेकिन शासन-प्रशासन ने अब तक इनकी मांगों पर विचार नहीं किया। नतीजतन प्रदेश भर के पटवारी तीन दिनों के सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं।
सामूहिक हड़ताल में जाने की कड़ी में सबसे पहले जिले के पटवारियों ने संबंधित तहसीलदार को ज्ञापन सौंपकर अवकाश पर जाने की औपचारिक सूचना दी और सभी सरकारी व्हाट्सएप ग्रुपों से वे लेफ्ट हो गए। इससे राजस्व विभाग से जुड़े काम बुरी तरह से प्रभावित का सतरा उत्पन्न हो गया है। मध्यप्रदेश पटवारी संघ ने जारी विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि वर्षों से पटवारियों के वेतनमान में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई। जबकि पटवारियों से राजस्व विभाग और भू अभिलेख विभाग द्वारा तमाम प्रकार का कार्य कराया जा रहा है। पटवारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेंद्र सिंह का कहना है कि राजस्व निरीक्षक, नायब तहसीलदार, सहायक अधीक्षक भू अभिलेख, तहसीलदार और अधीक्षक भू अभिलेख के वेतनमान में अब तक कई बार बढ़ोत्तरी हो चुकी है। वर्ष 2007 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा पटवारियों को 2800 का पे-ग्रेड दिए जाने की घोषणा की गई थी। डेढ़ दशक से ज्यादा का वक्त बीत चुका है, लेकिन सीएम की ओर से ये अब तक अपने ही आश्वासन को पूरा नहीं किया जा सका है।