श्रीहरिकोटा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (ISRO) का चंद्रयान-3 चंद्रमा के बेहद करीब पहुंच गया है। भारतीय समयानुसार 23 अगस्त की शाम 6,04 बजे विक्रम लैंडर चंद्रमा की सतह पर उतरेगा। यह इस पूरे प्रोजेक्ट का सबसे अहम चरण होने जा रहा है। चंद्रयान की सफलता के लिए देशभर में प्रार्थनाएं हो रही हैं।
ISRO ने कहा, ‘लैंडिंग का सीधा प्रसारण 23 अगस्त को भारतीय समयानुसार शाम 5.20 बजे शुरू होगा।’ इसरो के स्पेस एप्लीकेशन सेंटर के निदेशक नीलेश एम. देसाई ने कहा, “लैंडिंग के संबंध में निर्णय लैंडर माड्यूल और चंद्रमा पर स्थितियों के आधार पर लिया जाएगा। अगर कोई भी प्रतिकूल हालात दिखते हैं, तो लैंडिंग 27 अगस्त को होगी।” देश और दुनिया की निगाह चंद्रयान-3 पर टिकी हुई है। मिशन को लेकर जितना उत्साह और रोमांच है उतना ही चांद पर उतरना जटिल और मुश्किल। चांद पर लैंडिंग के लिए भेजे जाने वाले मिशनों की सफलता दर महज 35 फीसदी के आसपास है। लेकिन, मिशन को सफल बनाने में इसरो वैज्ञानिकों की टीम लगातार 24 घंटे 7 दिन मेहनत कर रही है। मिशन लॉन्च होने के बाद सबकुछ मिशन निदेशक के हाथ में होता है। धरती और चांद की कक्षा में एक-एक मैनुवर से लेकर चंद्रमा पर उतरने तक की तमाम गणनाएं और योजनाएं मिशन निदेशक के हाथ होता है। चंद्रयान-2 की कमान रितु करिधाल श्रीवास्तव के हाथ थी जबकि, मोटमरी श्रीकांत डिप्टी मिशन निदेशक थे। इस बार श्रीकांत के हाथ में चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग की अहम जिम्मेदारी है। उनके साथ कोर टीम में परियोजना निदेशक पी. वीरामुत्तूवेळु और एसोसिएट निदेशक कल्पना काळहस्ती हैं।