उज्जैन। बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में नागपंचमी का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। महाकालेश्वर मंदिर में स्थित भगवान नागचंद्रेश्वर के पट परंपरा अनुसार रात्रि 12 बजे खोल दिए गए। भगवान नागचंद्रेश्वर के पूजन के बाद मंदिर में रात से ही श्रद्धालु दर्शन करने पहुंच रहे हैं। दर्शन का यह सिलसिला लगातार 24 घंटे तक चलता रहेगा। यह मंदिर साल में एक बार नागपंचमी के मौके पर खुलता है।
विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में नागपंचमी पर भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन की महत्ता है। यहां महाकाल मंदिर के शीर्ष पर भगवान नागचंद्रेश्वर का अति प्राचीन मंदिर है। जहां नाग पर विराजित शिव-पार्वती की अति दुर्लभ मूर्ति है।प्राचीनकाल से पंचांग तिथि अनुसार सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन ही इस मंदिर के पट खुलने की परंपरा है। श्री नागचंद्रेश्वर भगवान की यह प्रतिमा 11वीं शताब्दी की है। मान्यता है कि आज के दिन नागचंद्रेश्वर के दर्शन करने से शिव और पार्वती दोनों प्रसन्न होते हैं। इसी के चलते आज दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा है। रात 12 बजे मंदिर के पट खुलने के बाद पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के महंत विनीत गिरी महाराज और कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने भगवान नागचंद्रेश्वर की पूजा अर्चना की। इसके बाद आम श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के पट दर्शन के लिए खोल दिए गए। वहीं दर्शन के लिए हजारों श्रद्धालु रात से ही कतार में लग गए थे।