उज्जैन। महाकाल की सवारी मार्गों पर जल्द ही त्रिशुल और डमरूओं के साथ ही स्वास्तिक नजर आएंगे। इसकी प्लानिंग कर ली गई है। इसके साथ ही महाकाल व सवारी द्वार भी बनाने की योजना को अंजाम देने के लिए डिजाइन फाइनल कर ली गई है।
निगम महापौर मुकेश टटवाल ने बताया कि महाकाल चौराहे पर ही महाकाल द्वार बनेगा। अभी मार्ग का चौड़ीकरण होना है। मास्टर प्लान में यह रोड 24 मीटर आ रहा है। जबकि पहले इसे 20 मीटर चौड़ा किया जाना था, जिसे लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है। कुछ व्यापारी कोर्ट से स्टे भी ले आए थे। ऐसे में काम में देरी ना हो, इसलिए महाकाल द्वार की डिजाइन तैयार कर ली है। इसे ऐसे डिजाइन किया गया है कि अगर रोड 20 से 24 मीटर भी हो जाएगा तो द्वार को बगैर हटाए, बढ़ाया जा सकता है। पत्थर से बनने वाले द्वार के चार पिलर होंगे और चारों पिलर पर भगवान की अलग-अलग आकृतियां होगी। वहीं द्वार के ऊपरी हिस्से के दोनों और शेष नाग की आकृतियां होगी। द्वार से ही शिखर दर्शन हो सके। इस हिसाब से इसकी हाइट तय की जाएगी। महाकाल चौराहे पर महाकाल द्वार बनाया जा रहा है। वहीं रामघाट पर जाने वाले रास्ते पर सवारी द्वार बनाया जाएगा। इस द्वार की खासियत यह रहेगी कि सभी सवारी में जितने भी बाबा के स्वरूप निकलते हैं। उनकी भी छवि इस द्वार पर बनाई जाएगी। शिप्रा किनारे बाबा का पूजन किया जाता है। उसका भी सौंदर्यीकरण होगा ताकि जो भी श्रद्धालु यहां आए तो उन्हें पता रहे कि यहां सवारी का पूजन किया जाता है। अभी फूलों पर सवारी को रख पूजन किया जाता है।