ग्वालियर। MP के ऐतिहासिक शहर ग्वालियर ने देश की आजादी में प्रमुख भूमिका निभाई है, ग्वालियर को वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई के शौर्य को देखने का सौभाग्य भी मिला है। रानी के अलावा सरदार भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, सहित सैकड़ों रणबांकुरों के अज्ञात वास और शरण स्थली बनकर भी ग्वालियर ने इतिहास के सुनहरे अक्षरों में अपना नाम दर्ज कराया है और अब कई वर्षों से ग्वालियर में तैयार राष्ट्र ध्वज तिरंगा भी MP के ग्वालियर शहर की शान बढ़ा रहा है, सबसे बड़े गौरव और गर्व की बात ये है कि लाल किले पर जो तिरंगा फहराया जाता है वो ग्वालियर में तैयार होता है।
ग्वालियर देश का तीसरा और उत्तर भारत का इकलौता ऐसा शहर है जहाँ भारत सरकार की झंडा संहिता का पालन करते हुए अधिकृत रूप से राष्ट्रध्वज का निर्माण किया जाता है। भारत की आन ,बान और शान राष्ट्रध्वज कल 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से लेकर, मंत्रालय, सचिवालय, न्यायालय सहित सभी शासकीय इमारतों पर फहराया जाएगा। देश के साथ ग्वालियर के लिए ये दिन विशेष गौरव का दिन होगा । 1924 में महात्मा गांधी के चरखा आंदोलन से प्रेरित होकर मध्य प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री तखतमल जैन द्वारा 1930 में स्थापित मध्यभारत खादी संघ ग्वालियर पिछले कई वर्षों से राष्ट्रध्वज का निर्माण कर रहा है।
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