प्राचीन काल से महापुरुषों द्वारा बताई गई नीतियां आज भी प्रचलित हैं। उन्हीं में से एक है विदुर नीति, जो महात्मा विदुर द्वारा बताई गई नीति है। विदुर-नीति असल में महाभारत युद्ध से पहले युद्ध के परिणाम के से चिंतित महाराज धृतराष्ट्र और महात्मा विदुर के बीच का संवाद है।
महात्मा विदुर के अनुसार, जो व्यक्ति अपने कार्य को पूरी लगन और ईमानदारी के साथ करता है उसके जीवन में हमेशा खुशियां बनी रहती है। अपनी इसी खासियत के कारण वह समाज में मान-सम्मान का पात्र भी बनता है। अपने काम के प्रति निष्ठावान लोग ही जीवन में आगे बढ़ते हैं और सफलता प्राप्त करते हैं। जो व्यक्ति जीवन में केवल सुख पाना चाहता है उसे कभी विद्या की प्राप्ति नहीं हो सकती। क्योंकि विद्या अर्जित करने में परिश्रम और त्याग की जरूरत होती है। इसलिए यदि आप जीवन में सच में विद्या की प्राप्ति करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको परिश्रम करना होगा और सुख का त्याग करना होगा। विदुर नीति के अनुसार, जो लोग बिना किसी आलस्य के अपनी बुद्धि और क्षमता का प्रयोग से कर्म करते हैं उन्हें जीवन में धन की समस्या कभी नहीं सताती। इसलिए व्यक्ति को हर समय सक्रिय रहकर समझदारी के साथ काम करते रहना चाहिए। वहीं, आवेश में आकर कोई फैसला नहीं लेना चाहिए। क्योंकि बाद में इसका नुकसान झेलना पड़ता है। यदि आप चाहते हैं कि घर में हमेशा धन की बरकत बनी रहे और मां लक्ष्मी जी की कृपा बरसती रहे तो धन को बहुत सोच समझकर खर्च करना चाहिए। साथ ही भविष्य के बारे में भी सोचते हुए कौशलपूर्वक धन खर्च करना चाहिए। महात्मा विदुर के अनुसार, हमेशा कल की चिंता करते हुए धन खर्च करना चाहिए।