हिंदू धर्म में पितृपक्ष का विशेष धार्मिक महत्व है। पंडित प्रभु दयाल दीक्षित के मुताबिक, पितृपक्ष में पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध किया जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, पितृपक्ष की शुरुआत 29 सितंबर से हो रही है और इसका समापन 14 अक्टूबर को होगा। इस साल अधिक मास होने के कारण सावन माह 59 दिनों का है। इस कारण से सभी व्रत-त्योहार 12 से 15 दिन देरी से आएंगे। हर साल पितृपक्ष सितंबर माह में समाप्त हो जाते हैं, लेकिन अधिक मास के कारण इस साल अक्टूबर के मध्य तक चलेंगे।
श्राद्ध की तिथियां
29 सितंबर – पूर्णिमा श्राद्ध
30 सितंबर – प्रतिपदा श्राद्ध , द्वितीया श्राद्ध
1 अक्टूबर – तृतीया श्राद्ध
2 अक्टूबर – चतुर्थी श्राद्ध
3 अक्टूबर – पंचमी श्राद्ध
4 अक्टूबर – षष्ठी श्राद्ध
5 अक्टूबर – सप्तमी श्राद्ध
6 अक्टूबर – अष्टमी श्राद्ध
7 अक्टूबर – नवमी श्राद्ध
8 अक्टूबर – दशमी श्राद्ध
9 अक्टूबर – एकादशी श्राद्ध
11 अक्टूबर – द्वादशी श्राद्ध
12 अक्टूबर – त्रयोदशी श्राद्ध
13 अक्टूबर – चतुर्दशी श्राद्ध
14 अक्टूबर – सर्व पितृ अमावस्या