सरदारपुर तहसील के नरसिंह देवला मंदिर इन दिनों विवादास्पद स्थिति में चल रहा है
मंदिर ट्रस्ट द्वारा मंदिर में भगवान की पूजा अर्चना के लिए नए पुजारी की नियुक्ति करवाई गई हे
18 जुलाई 2023 को नरसिंह मंदिर के पीछे जर्जर भवन को ट्रस्टीगण पुलिस एवं ग्रामीण की मौजूदगी में तुडवाया गया
इन सब प्रक्रिया के बीच 18 जुलाई को ही नरसिंह देवला से पथराव होने की जानकारी भी प्राप्त हुई साथ ही इस पथराव की घटना में घायल हुए घायलों ने सरदारपुर थाना आकर रिपोर्ट भी दर्ज करवाई
इसी बीच नरसिंह मंदिर को लेकर
सुशीलाबाई तिवारी ने मंदिर ट्रस्ट एवं पुजारी के मामले में विशेष चर्चा की
इस चर्चा में सुशीलाबाई तिवारी द्वारा बताया गया कि मंदिर अति प्राचीन है
मंदिर के सबसे पहले और पुराने पुजारी रहे लक्ष्मण आचार्य जी इन्होंने रामफेर जी मिश्र को गोदी पुत्र बनाया था साथ ही सुशिलाबाई तिवारी ने यह भी बताया कि जब तक लक्ष्मण आचार्य जी जीवित रहे तब तक रामफेर जी मिश्र उनकी सेवा सद्भाव के लिए यहां मौजूद नहीं रहे लक्ष्मण आचार्य जी की मृत्यु के पश्चात रामफेर जी मिश्र को उनके अंतिम संस्कार के लिए ग्रामीण जनों द्वारा लाया गया था
उसके बाद से ही रामफेर जी मिश्र
नरसिंह मंदिर में पूजा अर्चना करने लगे साथ ही आने वाले समय में मंदिर ट्रस्ट भी गटित हुआ अति प्राचीन मंदिर होने की वजह से नरसिंह देवला मंदिर आसपास के ग्रामीण क्षेत्र के भक्तजनों के लिए आस्था का केंद्र अति प्राचीन समय से रहा है इसीलिए ट्रस्ट में अलग-अलग गांवों के सम्मानित वरिष्ठ नागरिकों को ट्रस्ट मंडल में जोड़ा गया था तब से लेकर आज तक नरसिंह मंदिर के हर एक काम चाहे वो मंदिर निर्माण कार्य हो चाहे कार्तिक पूर्णिमा का मेला हो राम धुन या भंडारा आयोजन हो के कार्य को निरंतर करते आ रहे हैं सुशिलाबाई तिवारी ने यह भी बताया कि रामफेर जी का परिवार इस दौरान कहीं यूपी तो कहीं धार तो अलग-अलग स्थानों पर रहा करते थे रामफेर जी ने कई वर्षों तक भगवान नरसिंह मंदिर मे सेवा की पूजा अर्चना की इसके पश्चात वे देवलोक सिधार गए
इनकी मृत्यु के पश्चात ग्रामीण जनों एवं ट्रस्ट मंडल के द्वारा श्याम दास जी महाराज पूजा अर्चना के लिए नियुक्त किया गया
इन्होंने 30 से 35 वर्ष ट्रस्ट मंडल के नेतृत्व में भगवान नरसिंह की सेवा की साथ ही मंदिर एवं धर्मशाला की देखरेख का कार्य पूर्ण निष्ठा के साथ किया उन्होंने इस दौरान सांसारिक सुख त्याग कर ब्रह्मचर्य का पालन कर सनातन धर्म के पथ पर चलकर साधु संत का चोला धारण कर भगवान नरसिंह की पूजा अर्चना में अपना जीवन समर्पित कर दिया 45 से 50 वर्ष की आयु में ही श्याम दास जी महाराज स्वर्गवासी हो गए
बस तबसे ही मंदिर ट्रस्ट और मिश्र परिवार के बीच मंदिर में नए पुजारी की नियुक्ति को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है
इसी बीच सुशीलाबाई तिवारी ने एक बड़ी बात भी कह डाली उन्होंने बहुत ही साफ और स्पष्ट शब्दों में कहा कि मंदिर या मंदिर से जुड़ी संपत्ति
पर पुजारी का कोई अधिपत्य नहीं है ट्रस्ट मंडल को पूर्ण अधिकार है
की वह लोग भगवान की पूजा अर्चना के लिए जिसे चाहे उस पुजारी को नियुक्त कर सकते हैं
आइए हम आपको बताते हैं इन सब चर्चाओं को लेकर हमें पूर्व समय की सटिंक वह स्पष्ट जानकारी बताने वाली सुशीलाबाई तिवारी कौन है सुशीलाबाई तिवारी रामफेर जी मिश्र की बेटी एवं श्याम दास जी महाराज की माताश्री है जो वर्तमान में राजगढ़ नगर के गुरुकुल में अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं
ईन्होंने यह भी बताया कि नरसिंह देवला में इनका पुश्तैनी मकान भी मौजूद है जो कि मेरे बेटे श्याम दास जी महाराज की मृत्यु के पश्चात मिश्र परिवार में मेरे भाई के बेटो ने कब्जा कर लिया है मेरी जीवन लीला बड़े ही फटे हाल चल रही है जिस जगह में रह रही हूं यह गुरुकुल पूर्ण रूप से जर्जर हो चुका है आए दिन सांप बिच्छू जिव जानवर यहां निकलते रहते हैं इससे मुझे मेरी मृत्यु का भय बना रहता है कभी भी मेरे साथ घटना दुर्घटना घटित हो सकती है इसलिए ईन्होंने धार ट्रस्ट मंडल से मांग की है कि मुझे मंदिर में प्रभु भक्ति में लीन होकर जीवन लीला चलाने का अवसर प्रदान किया जाए साथ ही उनका पुश्तैनी मकान भी कब्जे से छुड़वा कर उन्हें दिलवाया जाए
वही मिश्र परिवार की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रहे
अभी कुछ माह पहले एक महिला ने मिश्र परिवार पर दुष्कर्म का प्रकरण सरदारपुर थाना आकर दर्ज करवाया था इसी बिच बारिश के मौसम में मंदिर के जर्जर भवन
सें मिश्र परिवार का भवन से सुरक्षित बाहर निकलवा कर
जर्जर भवन को जामीदोस् किया गया