राजोद- मनुष्य मात्र इस जीवन की आपाधापी मे प्रभु स्मरण के लिए कुछ पल निकाल कर भगवान का सुमिरन करना चाहिए। श्रीमद्भागवत कथा सुनने मात्र से व्यक्ति का उद्धार होता है उक्त बात श्री रामबोला धाम मंदिर पर चल श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के तीसरे दिन पं. राम अवतार महाराज ने कही। महाराज ने कहा कि शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव जी के रोम रोम के छिद्रो मे जल उद्घव हुआ।राम जी स्वयं मूर्तिमान धर्म है।संत महात्मा यदि आपके निरादर के कारण जाता है।तो वह अकेला नहीं जाता, आपके पुण्य भी साथ लेकर जाता है।अपने घर पर देशी गाय का पालन अवश्य करें।गाय का दोहन करो शोषण मत करो।पं. राम अवतार महाराज ने कहा कि शास्त्र के अनुसार शाम के समय शयन,मैथुन,भोजन वर्जित है।उस समय हरि भजन करना चाहिए।मन ही बंधन का कारण है मन को नियंत्रित करने का एक ही उपाय बताया कि भगवान से रिश्ता जोड लो ,कथा श्रवण करो ओर उसका मनन करो।सांसारिक विषय सुख प्रारम्भ में रुचिकर है,परन्तु परिणाम दुखदायी वहीं कथा और भगवान भजन प्रारम्भ में दुष्कर है परन्तु बाद में सुखद परिणाम ही मिलते हैं।भगवान के चरणो मे त्रिवेणी वास करती है।कथा के दौरान पं. राम अवतार ने कहा धर्म के विषय में सिर्फ ओर सिर्फ धर्माचार्य ही कुछ कहे।जिस राष्ट्र में धर्म की उपासना शास्त्र सम्मत होती है,वहां समृद्धि आती है। अपने धर्म के प्रति जागृत होना चाहिए।मानव योनि भजन की योनि है। ऋषि मुनियों की तपस्वी भूमि है भारत।भागवत के अनुसार ऋषभ देव भगवान ने जैन समाज की स्थापना की है । हम शरीर को पकड नहीं पा रहे है पर आत्मा में कोई परिवर्तन नही है आत्मा कभी नहीं मरती है । आत्मा परमात्मा की ओर ले जाती है।मन की खुराक भागवत कथा है। किसान जब बीज खेत मे डालता है केसे भी डाल दो वह उगेगा इसी प्रकार नारायण नारायण जप लो उद्वार हो जाएगा।
वामन अवतार का सुंदर प्रसंग सुनाया तथा झांकी का भी भव्य स्वरूप देखने को मिला। कथा सुनने बडी संख्या में लोग पहुंचे।
शुक्रवार को चोथे दिन श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा।
फोटो केप्शन राजोद।। वामन अवतार का