• Thu. Nov 21st, 2024

shrimahakalloktv.com

श्री महाकाल लोक के सम्पूर्ण दर्शन

गरीबों के आशियाने पर माफिया का डाका, 1.94 लाख रुपये में खरीदकर सात लाख में बेच रहे पीएम आवास

भोपाल ।  नगर निगम, बीडीए और हाउसिंग बोर्ड की आवासीय परियोजनाओं में माफिया तंत्र सक्रिय है। जिसकी वजह से पात्र हितग्राहियों को आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। वहीं, कुछ लोग आवासहीन बनकर अधिकारियों से मिलीभगत कर रियायती दरों पर मकान खरीदने के बाद इनमें रहने के बजाय मोटी कीमत पर दूसरे को बेच रहे हैं। जबकि नियमानुसार रियायती दरों के आवासों को हितग्राही 15 वर्ष तक बेच नहीं सकता। ऐसा ही मामला कोकता में चल रहा है, जहां कुछ व्यक्तियों ने आवासहीन बनकर एक लाख 94 हजार रुपये में मकान खरीद तो लिया, लेकिन अब इन्हें पांच से सात लाख रुपये में बेचने के लिए इंटरनेट मीडिया पर खुलेआम विज्ञापन दे रहे हैं। वहीं, यहां के रहवासियों का कहना है कि ऐसे हालात इसलिए बन रहे हैं, क्योंकि नगर निगम के अधिकारियों ने मोटा कमीशन लेकर अपात्रों के हाथों में प्रधानमंत्री आवासों की चाबियां सौप दी हैं।  शहर को झुग्गी मुक्त करने के लिए प्रधानमंत्री आवास और हाउसिंग फार आल के तहत विभिन्न इलाकों में बहुमंजिला इमारतें बनाकर आवासहीनों के लिए आवास की व्यवस्था की जा रही है। झुग्गी में रहने वाले लोगों की झुग्गियां तोड़कर इन मकानों में ऐसे आवासहीनों की शिफ्टिंग की जा रही है। लेकिन लोग मकान आवंटित कराने के बाद इसे या तो किराए पर चढ़ाकर हर महीने किराया वसूलते हैं, या फिर इन मकानों को मोटी रकम लेकर बेचकर दूसरी जगह पर फिर झुग्गी बना लेते हैं।

सात लाख रुपये में वन बीएचके

इंटरनेट मीडिया पर जारी विज्ञापन जिसमें शुभम पांडा नाम के व्यक्ति ने कोकता ट्रांसपोर्ट नगर में वन बीएचके फ्लैट सात लाख में बेचने के लिए डाला था। शुभम से मैसेंजर पर चैट की तो उसने मोबाइल नंबर दिया, जिस पर बात हुई, तो उसने शहर के सभी कोनों पर वन बीएचके उपलब्ध होने का दावा किया। शुभम ने बताया मेरे अन्य रिश्तेदार भी अपने मकान बेचना चाहते हैं। पांच से सात लाख रुपये में वन बीएचके मकान मिल जाएगा, लेकिन इसके लिए आकर मिलना पड़ेगा, लेकिन पांडा ने मुलाकात नहीं की।

एक लाख बयाना राशि दे दो, बाकी किश्‍तों में दे देना

वहीं, वाट्सएप पर फ्लैट बेचने का विज्ञापन देखकर विक्रेता राजेश विश्वकर्मा से सपंर्क किया। राजेश दलाल है। उसने मिलने के लिए कोकता बुलाया, 

प्रधानमंत्री आवासों को बेचने की शिकायत मेरे पास भी आई है। इस मामले में अधिकारियों को निर्देश दिया है कि मकानों की जांच कर ऐसे लोगों का आवंटन निरस्त किया जाए, जो इसे बेच रहे हैं या आवंटन के बाद भी लंबे समय से रहने नहीं आए हैं।
 

– केवीएस चौधरी, आयुक्त नगर निगम

आवासहीन बनकर सबसिडी का लाभ लेते हुए सस्ती दरों में मकान खरीदकर उन्हें मुनाफे पर बेचना धंधा बन चुका है। ऐसे लोगों के विरुद्ध जांच करने के बाद आंवटन निरस्त करते हुए सब्सिडी की रिकवरी करनी चाहिए।

– राशिद नूर खान, सामाजिक कार्यकर्ता

बीडीए का मकान लेते समय यदि हितग्राही ने सबसिडी ली है, तो वह 15 वर्षों तक इसे बेच नहीं सकता है। यदि ऐसा किया जा रहा है, तो अधिकारियों से जांच कराके कार्रवाई की जाएगी। संबंधित व्यक्ति का आवंटन निरस्त किया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *