सीजेआई ने सॉलिसिटर जनरल से कहा कि अभी हम केवल नोटिस दे रहे हैं। चीजें ठीक नहीं हुईं तो हम आपको सबक सिखाने से गुरेज नहीं करेंगे।
भारतीय सेना में महिला अफसरों के प्रति कैसा भेदभाव किया जा रहा है. आज सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ को जब पता चला तो वो भौचक रह गए। उन्होंने डिफेंस मिनिस्ट्री को दो टूक चेतावनी देते हुए कहा कि अपना घर दुरुस्त कर लो, नहीं तो ठीक नहीं होगा। सीजेआई महिला अफसरों | के प्रति किए जा रहे भेदभाव को जान इतने ज्यादा गुस्से में आ गए कि उन्होंने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल को मौखिक रूप से कहा कि जो सबसे ऊपर बैठा है उसे भी बता देना कि अगर हमारे फैसलों को दरकिनार करने की कोशिश भी कि तो बुरा अंजाम भुगतना होगा। दरअसल सीजेआई को सुनवाई के दौरान बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद सेना ने महिला अफसरों को प्रमोशन में दरकिनार करने के लिए नए नियम गढ़ दिए हैं। इन बेरियर्स की वजह से महिला अफसरों को पदोन्नति के मामले में पुरुष अफसरों से पीछे रहना पड़ रहा है। सीजेआई सच जानकर भोचक थे।
| सीजेआई ने सॉलिसिटर जनरल से कहा कि अभी हम केवल नोटिस दे रहे हैं। चीजें ठीक नहीं हुईं तो हम आपको सबक सिखाने से गुरेज नहीं करेंगे। उनका कहना था कि अपने ऊपर वालों को बता दो कि वो सब कुछ अपने आप ठीक कर लें। नहीं तो हम अवमानना की कार्रवाई शुरू | करेंगे। अगली बार अगर आपने हमें कुछ और बताकर गुमराह करने की कोशिश भी की तो हम आपको सही से काम करने का तरीका भी बता देंगे। सीजेआई ने सुप्रीम कोर्ट के पहले के फैसलों का हवाला देकर कहा कि आप हमारे आदेश को भी नहीं मान रहे हैं। ये सब नहीं चलने वाला है।
सेना में तैनात महिला अफसरों की याचिका पर सुनवाई कर रहे थे सीजेआई
दरअसल सीजेआई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला सेना में तैनात महिला अफसरों की याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। इसमें कहा गया था कि बेशक भारतीय सेना महिलाओं को कमीशन अफसर के तौर पर नियुक्त कर रही है। लेकिन प्रमोशन और कमांड पोस्टिंग में उनके साथ भेदभाव किया जाता है। महिला अफसरों का कहना था कि ACR के नियमों को तोड़मरोड़ करके उनके साथ ये भेदभाव किया जा रहा है। प्रमोशन के मामले में पुरुष अफसरों को महिला अफसरों पर तरजीह दी जाती है। महिला अफसरों की तरफ से पेश वकील ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का भी हवाला दिया।