उज्जैन। राजाधिराज श्री महाकालेश्वर शाही लवाजमे के साथ सोमवार 4 दिसंबर को प्रजा का हाल जानने निकलेंगे वहीं दूसरी और नगर कोतवाल माने जाने वाले बाबा श्री कालभैरव भगवान के आंगन में कालभैरव का प्राक्ट्य उत्सव मनाया जाएगा। इस दौरान 6 दिसंबर को कालभैरव चांदी की पालकी में सवार होकर शिप्रा तट पहुंचेंगे। अगहन मास में श्रद्धालु बाबा महाकाल की भक्ति में रमे नज़र आऐंगे। दरअलसल सोमवार को श्री महाकालेश्वर की अगहन मास की पहली सवारी निकलेगी।
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कालभैरव मंदिर में अगहन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी
शाम करीब 4 बजे मंदिर में विधिवत पूजन के बाद सवारी शिप्रा तट पहुंचेगी और श्री महाकालेश्वर का शिप्रा के जल से अभिषेक होगा। जिसके बाद सवारी फिर से मंदिर के लिए निकलेगी। दूसरी और श्री कालभैरव मंदिर में अगहन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी पर कालभैरव के प्राकट्य को लेकर उत्सव मनाया जाएगा। उत्सव के तहत ब्रह्म मुहूर्त में भगवान काल भैरव का अभिषेक कर आकर्षक श्रृंगार किया जाएगा। जिसमें भगवान को आभूषण पहनाए जाऐंगे। इन आभूषणों को जिला कोषालय से मंदिर में लाया जाएगा और श्री कालभैरव को धारण करवाया जाएगा। इस दौरान भगवान को छप्पन भोग भी लगेगा। अगले दिन 6 दिसंबर को भैरवगढ़ से सिद्धवट तक बाबा कालभैरव की सवारी निकाली जाएगी। जिसके दर्शन के लिए बड़े पैमाने पर श्रद्धालु उमड़ेंगे।