कुक्षी। हाथो में अपनी अपनी पार्टी के ध्वज, जोर से नारे बाजी। क्या ये माना जाए कि ये भीड़ जिसके तरफ ज्यादा दिखे उससे प्रति जनता का रुझान बेहतर है? ये सवाल बड़ा अहम है। आज दोनो प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस ने अपने अपने प्रत्याशियों के साथ कुक्षी की सीट पर अपनी दावेदारी पेश की है। जितना जनसमूह कुक्षी ने आज देखा ऐसा जन सैलाब चुनाव के अतिरिक्त किसी अन्य आयोजन में देखने को नहीं मिला।
हाथों में भाजपा के झंडे थे तो दोपहर में वही सामान्य जन कांग्रेस की रैली में जय कांग्रेस,विजय कांग्रेस के नारे लगाते हुए भी देखे गए
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हैरानी ये है कि सुबह जिनके हाथों में भाजपा के झंडे थे तो दोपहर में वही सामान्य जन कांग्रेस की रैली में जय कांग्रेस,विजय कांग्रेस के नारे लगाते हुए भी देखे गए। ये तो तय है की भीड़ का कोई मजहब, मकसद या लक्ष्य नही होता लेकिन जब ये भीड़ किसी झंडे के तले एकत्रित दिखे और सामने चुनाव हो तो उसके मायने बदले नज़र आते है। कुक्षी ये सीट हमेशा के दोनो प्रमुख राजनितिक दलों के लिय प्रतिष्ठा का विषय रही है। इस बार ये सीट जहां सुरेंद्र सिंह हनी बघेल के कद और पद को तय करेगा तो वहीं भाजपा के लिय ये उभरते युवा नेतृत्व जयदीप पटेल के साथ ही, पूर्व विधायक मुकामसिह किराड़े, मनावर से भाजपा के लिय चुनौती बन रही पूर्व कैबिनेट मंत्री रंजना बघेल के साथ जिले से लेकर प्रदेश में भाजपा के थिंक टैंक में से एक माने जाने वाले रमेश
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी के आने की संभावना थी लेकिन नही आए
धाड़ीवाल के लिय भी लगभग अंतिम और महत्वपूर्ण चुनौती होगी। आज का ये दिन जहां नाम निर्देशन पत्र जमा करने का अंतिम दिन था, वहां जन सैलाब चप्पे चप्पे पर उमड़ा और राजनीति का रंग पूरे कुक्षी में सुबह से लेकर शाम तक शबाब पर दिखा । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी के आने की संभावना थी लेकिन नही आए, जनता को निराशा हाथ लगी, वहीं मीडिया से चर्चा करते हुए कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र सिंह हनी बघेल ने कहा की इस बार 80 हजार पार का दृश्य आज कार्यकर्ता ने भाजपा को साफ दिखा दिया है तो वहीं भाजपा प्रत्याशी जयदीप भिंडे ने कहा कि बेकार में जो जनता को 80 हजार की बात कह कर गुमराह कर रहे है उन्हे आज हमने असली मतदाता का रुझान दिखा दिया है साथ ही ये तो ट्रेलर है, अभी बहुत कुछ बदलेगा। यहां ये भी देखने को मिला कि फार्म जमा करने से पूर्व सोशल मीडिया पर धर्म की राजनीति भी खूब शबाब पर दिखी और भाजपा के जयदीप भिंडे ने कट्टर हिंदूवाद का खुद को समर्थक बताया तो और योगी जी के आने का ऐलान किया, लेकिन योगी जी का ना आना इस बात का संकेत दे गया कि अभी कथनी और करनी को एक करने में वक्त लगेगा।