उज्जैन। पितरों की आत्मा शांति हेतु वर्ष में एक बार मनाया जाने वाले श्राद्ध पक्ष में धर्म नगरी उज्जैन में किए गए तर्पण व दान पुण्य का महत्व है इसलिए यहां शिप्रा नदी के तट पर श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है वही दान पुण्य का यह कार्य आज श्राद्ध पक्ष के चौदस के दिन भी जारी है ।
हजारों की संख्या में श्रद्धालु
उज्जैन में गया कोटा तीर्थ पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु अपने पितरों के तर्पण करने हेतु पहुंच रहे हैं वही गया कोटा के सुमन गिरी ने बताया की आने वाले श्रद्धालुओं को चार कुंतल लड्डू का प्रसाद भी सर्व पितृ अमावस पर बांटा जाएगा । मान्यता है की अवंतिका नगरी को उज्जैन के नाम से भी जाना जाता है जहां श्राद्ध पक्ष में देश के कोने कोने से श्रद्धालु अपने पितरों का तर्पण करने पहुंचते हैं और ब्राह्मण को भजन कराने के साथ ही गाय दान, साथ ही गाय और कौवों को भोजन करते । माना जाता है कि उज्जैन में पितरों का श्राद्ध करने से बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है ।