उज्जैन। शहर में लगाए गए भगवा ध्वजों को चुनाव आयोग का डंडा बताकर एमपीईबी द्वारा निकाल दिये जाने से आक्रोश व्याप्त है। भगवान ध्वज को निकाले जाने पर समर्पण सेवा समिति ने घोर आपत्ति दर्ज कराई है वहीं इस कृत्य की निंदा की है।
भगवा ध्वज सावन मास के प्रारंभ
समर्पण सेवा समिति के राम भागवत एवं शैलेन्द्र शर्मा ने बताया कि पूरे शहर में पवित्र भगवा ध्वज सावन मास के प्रारंभ में पूरे शहर में लगाए गए थे। जिन पर न किसी राजनैतिक दल न किसी संस्था का नाम अंकित था। फिर भी निर्वाचन आयोग का डंडा बताकर मध्यप्रदेश विद्युत मंडल के कर्मचारियों ने पोल से झंडे उतारने का काम किया है। जिसके विरोध में आज 13 क्टूबर को सभी हिंदू संगठन और समाजसेवी जिन्होंने भी यह कृत्य किया है उसे हटाने की मांग करेंगे। राम भागवत ने कहा कि उज्जैन बाबा महाकाल की नगरी है और भगवा ध्वज सनातन धर्म की पहचान स्वरूप है, यह कृत्य धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने के समान है।
कर्मचारियों ने जानकारी दी
मामले की जानकारी लगने के बाद राम भागवत सहित अन्य मौके पर पहुंचे। यहां कर्मचारियों ने जानकारी दी कि जनपद सीईओ एवं गौरव माझी एमपीईबी सुपरवाईजर पंथपिपलई के आदेश पर भगवा ध्वज उतारे गए है। इस मामले में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने भी आपत्ति दर्ज कराई है। समर्पण सेवा समिति ने कहा भगवा ध्वज न राजनैतिक थे, न इन पर किसी संस्था का नाम था, फिर क्यों हटाए सीईओ एमपीईबी सुपरवाईजर के तुगलकी आदेश से आक्रोश व्याप्त, भगवा ध्वज निकालने का होगा विरोध