भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा ने भोपाल की सात विधानसभा सीटों में से छह पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं, लेकिन एक सीट ऐसी है जिस पर अभी भी पेंच फंसा हुआ है।
यहां भाजपा को नाम घोषित करने में मुश्किलें पेश आ रही हैं। हम बात कर रहे हैं भोपाल की दक्षिण-पश्चिम विधानसभा सीट का। कर्मचारी अधिकारी वोट बैंक यहां बड़ी संख्या में है। वर्तमान में यहां कांग्रेस से पीसी शर्मा विधायक हैं, जो कमलनाथ सरकार में मंत्री भी रहे हैं। इस हाई प्रोफाइल सीट पर टिकट पाने के लिए भारतीय जनता पार्टी में कई दावेदार हैं जो एक दूसरे को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। ऐसे में पार्टी ये तय नहीं कर पा रही है कि इस बार दांव किस पर लगाया जाए। इस सीट पर सबसे प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता। ये यहां 2018 के चुनाव में भी प्रत्याशी थे। इनके साथ इनकी बेटी कृति गुप्ता का भी नाम चर्चा में है। गुप्ता परिवार के इतर बात करें तो पूर्व विधायक सुरेंद्र नाथ ठाकुर ने भी यहां से टिकट के लिए अपनी दावेदारी पेश की है। भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ के संयोजक अभिजीत देशमुख का भी यहां से टिकट के लिए प्रयासरत हैं। इनके साथ ही जिला अध्यक्ष सुमित पचोरी, प्रवक्ता नेहा बग्गा, प्रदेश मंत्री राहुल कोठारी भी यहां से टिकट की कतार में हैं। अब ये समय बताएगा कि पार्टी किस पर भरोसा जताती है। कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने 2018 के चुनाव में भाजपा के उमाशंकर गुप्ता को हराया था। जहां पीसी को यहां 63,323 वोट मिले थे जबकि उमाशंकर गुप्ता को 60736 लोगों ने मतदान किया था। 1990 से लेकर अब तक हुए सात चुनावों में पांच बार भाजपा तो 2 बार कांग्रेस को इस सीट पर जीत मिली है। बीजेपी के टिकट पर उमाशंकर गुप्ता लगातार तीन चुनाव जीतकर चुनावी जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं। पीसी शर्मा ने 2018 से पहले 1998 में यहां से चुनाव जीता था। इस सीट पर 2 बार पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर भी भारतीय जनसंघ के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं।