उज्जैन । देश के 52 शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ हरसिद्धि मंदिर में शारदीय नवरात्र को लेकर तैयारी शुरू हो गई है। अश्विन शुक्ल प्रतिपदा 15 अक्टूबर को सुबह 9 बजे घटस्थापना होगी। इसके साथ नौ दिवसीय देव आराधना का पर्व शुरू हो जाएगा।
प्रतिदिन अभिषेक पूजन के बाद माता का नितनया शृंगार होगा। देवी की प्रसन्नता के लिए विशेष पाठ व जप किए जाएंगे। खास बात यह है कि नवरात्र के नौ दिन माता हरसिद्धि शयन नहीं करती हैं। इसलिए मंदिर में शयन आरती नहीं होती है। पुजारी लाल गिरी ने बताया दक्ष प्रजापति के यहां हवन कुंड में माता सती द्वारा अग्निदाह करने के बाद जब भोलेनाथ माता सती की देह को लेकर चले, जहां जहां देवी सती के अंग गिरे वहां शक्तिपीठ की स्थापना हुई। उज्जैन के शक्तिपीठ हरसिद्धि में माता सती के दाहिने हाथ की कोहनी गिरी थी। यहां माता हरसिद्धि श्रीयंत्र पर विराजित हैं। माता हरसिद्धि हर प्रकार की सिद्धि प्रदान करने वाली हैं, इसलिए इन्हें हरसिद्धि कहा गया है। हरसिद्धि मंदिर में देवी की शुद्ध सात्विक शाक्त पूजा होती है। नवरात्र के नौ दिन माता को अनार के दाने, शहद आदि का विशेष भोग लगाया जाता है। नवरात्र की पूर्ण आहुति पर माता को अदरक का भोग लगता है। नवरात्र के नौ दिन माता शयन नहीं करती हैं, इसलिए शयन आरती नहीं की जाती है। 15 को मंगला आरती से शुरू होगा विशेष क्रम 15 अक्टूबर को शारदीय नवरात्र का शुभारंभ होगा। सुबह 5 बजे मंगला आरती होगी। इसके बाद सुबह 9 से 10.30 बजे तक घटस्थापना की जाएगी। इसमें माता का अभिषेक पूजन व श्रृंगार के बाद ज्वारे बोए जाएंगे।