उज्जैन। वर्तमान में शहर में देशी और अंग्रेजी शराब की 19 दुकानें संचालित हो रही है। साथ ही शहर में दो बीयर बार खुले हुए हैं। जहां एक दिन में हजारों पेटी अंग्रेजी, देशी शराब और बीयर की रोज खपत हो रही है। इसकी कीमत लाखों रुपए हैं।
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव का एलान होते ही आबकारी विभाग ने अवैध शराब की बिक्री रोकने के लिए कमर कस ली है। इसके लिए विभाग ने 30 अधिकारियों- कर्मचारियों की पांच टीमों का गठन किया है। ये टीमें शहर में शराब की अवैध तस्करी पर नजर रखेंगी। चुनाव के समय वोट बैंक के लिए शराब का लालच देना आम बात है और इसके लिए दूसरे जिलों से अवैध रूप से भी शराब लाई जाती है। अधिकारियों की माने तो चुनावी सीजन में शराब बिक्री आमतौर पर डेढ़ से दो गुना तक बढ़ जाती है, लेकिन इस बार अवैध शराब की बिक्री न हो, इसे लेकर आबकारी विभाग ने अभी से विशेष चैकिंग अभियान शुरू कर दिया है। आबकारी विभाग से जुड़े सूत्रों ने बताया कि खासतौर पर तीन प्रमुख स्थानों पर सावधानी बरती जा रही है। इनमें शराब के मैन्यूफैक्चरिंग पाइंट, इसके बाद शराब की दुकानों और रेस्टोरेंट और तीसरे ऐसे पॉइंट जहां पर शराब अवैध रूप से लाई जाकर स्टोर की जा रही हो। शहर में ऐसे स्थानों पर आबकारी निरोधक दल कार्रवाई करेगा। विभाग के अधिकारी न केवल सभी दुकानों और रेस्टोरेंट की शराब बिक्री का स्टॉक चैक करेंगे, साथ ही क्षेत्र विशेष में बिक्री बढ़ने पर इस बारे में निर्वाचन विभाग को सूचना भी देंगे। वर्तमान में शहर में देशी और अंग्रेजी शराब की 19 दुकानें संचालित हो रही है। साथ ही शहर में दो बीयर बार खुले हुए हैं। जहां एक दिन में हजारों पेटी अंग्रेजी, देशी शराब और बीयर की रोज खपत हो रही है। इसकी कीमत लाखों रुपए हैं। आचार संहिता लगने के साथ ही निर्वाचन विभाग ने आबकारी विभाग से हर दिन का शराब बिक्री का रिकॉर्ड मांगना शुरू कर दिया है। इसके तहत रोजाना हो रही शराब की बिक्री, कीमत और स्टॉक की जानकारी ऑनलाइन भेजी जा रही है। साथ में आबकारी विभाग की तरफ से की जाने वाली कार्रवाई की जानकारी भी मंगवाई जा रही है। इसके साथ ही शराब कारखानों से उत्पादन, शराब के डिस्पैच और स्टॉक रजिस्टर की जानकारी भी मंगवाई जा रही है। शहर में चुनाव में होने वाली अवैध शराब बिक्री रोकने के लिए टीमों को गठन किया है। ये टीमें शहर में हर दुकानों, रेस्टोरेंट सहित शहर में आने वाली अवैध शराब के मुख्य पाइंटों पर नजर रखेगी। साथ ही हर दिन दुकानों पर होने वाली बिक्री का रिकॉर्ड जांच करेगी। इसके लिए धरपकड़ अभियान शुरू किया जा चुका है।