उज्जैन। बीते 19 दिनों से मंडी के व्यापारियों की अनिश्चिकालीन हड़ताल जारी है लेकिन इस हड़ताल के कारण करीब पचास करोड का नुकसान हुआ है। हालांकि उम्मीद जताई जा रही है कि व्यापारियों की मांगों पर सीएम द्वारा चर्चा की जाएगी और इसके बाद हड़ताल खत्म होने की उम्मीद भी एकाध दिन में है। उज्जैन मंडी हड़ताल को 19 दिन हाे गए।
इधर सोयाबीन का नया सीजन भी शुरू हो रहा है। करोड़ों रुपए का व्यापार हड़ताल में प्रभावित हुआ है, इसकी भरपाई संभव नहीं है। मंडी व्यापारियों ने कृषि मंत्री कमल पटेल से चर्चा की। पटेल ने उनकी समस्याओं पर सहमति जताई। व्यापारियों की 11 सूत्री मांगों में प्रमुख मांग प्लाॅट के लीज रेंट, मंडी शुल्क की दरों में कमी के अलावा लाइसेंस फीस, लेखा सत्यापन और अन्य मांग शामिल हैं। व्यापारी संघ के मीडिया प्रभारी राजेन्द्र राठौर ने चर्चा में बताया कि सीएम से फायनल चर्चा होना है हालांकि कृषि मंत्री से हुई चर्चा के बाद कामकाज शुरू होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। हमारी मांगें मान ली जाए और व्यापारियों को राहत दी जाए, यही आशा शासन से लगाई जा रही है। मंडी की हड़ताल के 19 दिन और प्रदेश की मंडियों में सात दिन हो गए है। हड़ताल के दौरान उज्जैन मंडी का 50 करोड रुपए से ज्यादा का व्यापार प्रभावित हो गया। हजारों श्रमिक मजदूरों को काम नहीं मिला, किसानों को अपनी उपज औने-पौने दाम पर बाहरी क्षेत्रों में बेचना पड़ी। इसके साथ ही शहर का व्यापारी भी मंडी बंद होने से प्रभावित हुआ।