उज्जैन। सोमवार को बाबा महाकाल की 9 वीं सवारी निकली। श्रावण-भादौ माह के अवसर पर निकली इस 9 वीं सवारी में राजाधिराज महाकाल ने नौ स्वरूपों में अपनी प्रजा को दर्शन दिए। नौ स्वरूपों में दर्शन पाकर श्रद्धालु अभिभूत हो गए। बता दें कि इस बार अधिकमास होने के कारण भूतभावन भगवान महाकाल की 10 सवारी है और शाही सवारी आगामी सोमवार 11 सितंबर को निकलेगी।
कड़ाबीन के धमके…डमरूओं का निनाद
भूत भावन भगवान महाकाल की सवारी शाम 4 बजे मंदिर में पालकी पूजन के साथ शुरू हुई। सवारी अपने परंपरागत मार्गों से होती हुई शिप्रा तट पहुंची। यहां राजाधिराज महाकाल का विधि अनुसार जलाभिषेक हुआ। सवारी में कड़ाबीन के धमाके हुए तो वहीं डमरूओं का भी निनाद सुनाई दिया। भजन मंडलियों ने भजनों से समां बांधा और भक्तों की टोली भजनों पर कदम थिरकाते हुए चल रही थी। महाकाल मंदिर से शुरू होकर सवारी कोटमोहल्ला, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंची। यहां शिप्रा जल से भगवान का अभिषेक कर पूजा-अर्चना किया गया। पश्चात सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, ढाबारोड, टंकी चौराहा, छत्रीचौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार होते हुए पुन: महाकालेश्वर मंदिर पहुंची। बता दें श्रावण-भादौ मास के क्रम में शाही सवारी 11 सितंबर को निकलेगी। इस सवारी का पारंपरिक मार्ग करीब सात किलोमीटर लंबा है। इस दिन सवारी करीब छह घंटे नगर भ्रमण करेगी।