लाबरिया। करीब एक पखवाड़े से क्षेत्र में बारिश नहीं होने से सोयाबीन,कपास,मक्का व मिर्ची सहित अन्य फैसले सूखने लगी है। जिससे किसानों को काफी नुकसान हो रहा है। महंगे खाद,बीज,दवाई का उपयोग करके आर्थिक रूप से खाली हो चुका किसान अपनी किस्मत पर रौ रहा है। कर्ज के बोझ तले दबा किसान कैसे कर्ज चुकाएगा वह अपने परिवार का पालन पोषण कैसे करेगा उनको लेकर कॉफी चिंतित है। मौसम की बेरुखी से नदी,नाले,कुएं, ट्यूबवेल सहित कालीकराय डेम भी नहीं भर पाया वह करीब 4 मीटर खाली जिससे आगामी फसल गेहूं, चना आदि फसल पकाने की संभावना खत्म हो चुकी है। गांव वासियों द्वारा बाग रसोई, मंदिरों में पुजा पाठ सहित अन्य टोने टोटके कर चुके हैं। तेज धूप व गर्मी के कारण दिन प्रतिदिन फसले सुखकर हवा में उड़ने लायक हो चुकी है। सोयाबीन फसल में अभी फूल व फल आने का समय है तेज धूप से फूल सूखकर नीचे गिर रहा है। वहीं कुछ फसलों पर फल भी प्रभावित हो रहे हैं किसानो ने बताया कि महंगी दवाई,खाद,बीज का उपयोग कर चुके हैं जिससे हमें आर्थिक रूप से काफी नुकसान हुआ है और अभी फसल आने की कोई उम्मीद नहीं रही है। हल्की व पथरेली जगह पर फसले पूर्ण रूप से सूख चुकी है। किसानों द्वारा मांग की जा रही है कि महंगे खाद,बीज,दवाई का उपयोग करने के बावजूद पर्याप्त पानी नहीं मिलने से हमारी फसले नष्ट हो चुकी है।सरकार मौका मुआयना कर नुकसान की भरपाई के लिए उचित कदम उठाये जाए तहसीलदार,पटवारी व बीमा कंपनी से सर्वे करवा कर शासन स्तर पर उचित कार्रवाई की जाए। जिन किसानों के पास ट्यूबवेल, कुंआ है वे किसान तो जेसे तैसे कर अपनी फसल को बचा रहा है। परंतु जिस किसान के पास पानी सुविधा नहीं है वह किसान शीघ्र वर्षा की आस लगाए बैठा। अंबाराम मारु, दिनेश राठौर, मुकेश मारू,नारायण गुड्डा,जगदीश मारू, श्रेय भेरूलाल आदी का कहना है कि एक-दो दिन में पानी नहीं गिरता है तो सूखे की स्थिति निर्मित हो सकती है अगली फसल भी आने की उम्मीद नहीं है ऐसे मे सासन को जल्द ही उचित कदम उठाना चाहिए।