उज्जैन। शहर में आयुष्मान कार्ड को लेकर बडी गड़बड़ी सामने आ रही है। नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग के आपसी टालमटोल में अब तक 1 लाख 68 हजार 880 लोगों तक उनके आयुष्मान कार्ड नहीं पहुंच पाए हैं। सात दिन के भीतर घर-घर आयुष्मान कार्ड पहुंचाने का जिम्मा आशा कार्यकर्ताओं को दिया गया था, जो पूरा न होने पर नोडल अधिकारी डाॅ. केसी परमार ने बैठक लेकर सभी को फटकार लगाई
मंहगी दवाई और जांच के बोझ के तले मरीज दबने को तैयार हैं क्योंकि उनकी सुविधा के लिए बने आयुष्मान कार्ड तो सरकारी आलमारियों में धूल खा रहे हैं। बैठक में जब अधिकारी ने पूछा कि आयुष्मान कार्ड बनने के बाद भी नगर निगम सीमा के 54 वार्डों में क्यों नहीं बंट पाए। इस पर आशा कार्यकर्ताओं ने स्वास्थ्य विभाग और निगम के जिम्मेदारों से बात करने को कहा। आशा कार्यकर्ताओं ने बताया कि हमें सात दिन का टारगेट देकर जिम्मेदारी सौंप दी गई। लोगों की लिस्ट बहुत लंबी है, ऐसे में बारिश में लोगों के पते तक पहुंचकर उन्हें आयुष्मान कार्ड देने में समय लगता है। कई लोगों ने अपना घर बदल लिया, पर अधिकारियों को इन सब बातों पर गौर नहीं किया।