भोपाल । राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि कमजोर के प्रति संवेदना और सहयोग मानव की मौलिक प्रकृति है। वसुधैव कुटुम्बकम् विश्व को एक परिवार मानना और सबको साथ लेकर चलना भारतीय संस्कृति की प्रमुख विशेषता है।
शोषण और अत्याचार मानवीय विकृतियां है, जिन पर नियंत्रण की प्रेरणा और प्रोत्साहन देना, सभ्य समाज का दायित्व है। उन्होंने कहा कि विमुक्त जनजातियों की महिलाओं की छोटी-छोटी चुनौतियों को समझकर समाधान के निर्णायक प्रयासों के लिए समाज को आगे आना होगा। वंचित वर्ग के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण में बदलाव के लिए भी कार्य किया जाना चाहिए। श्री पटेल आर.सी.वी.पी. नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी में राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा रेस लैब के सहयोग से आयोजित संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। पटेल ने शिक्षित समुदाय से आहवान किया कि वह वंचितो की जरूरतों को पूरा करने में सहयोग के लिए आगे आए। समाज के दृष्टिकोण परिवर्तन में सहयोगी हो। स्वयंसेवी सस्थाओं से कहा कि योजनाओं के लाभ समुदाय के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचायें। क्रियान्वयन की दृष्टि और दिशा में संवेदनशीलता, सहृदयता का होना जरुरी है। इसके लिए समुदाय के साथ जीवंत संवाद और सम्पर्क बनाएं। शिक्षा, प्रगति की मौलिक आवश्यकता है। शिक्षा के प्रसार के साथ ही ड्राप-आऊट की चुनौतियों के समाधान के कारगर प्रयास करें। सभी व्यक्तियों को सम्मानपूर्ण जीवन समाज में मिले, संगोष्ठी इस दिशा में चिंतन करे। आवश्यक चुनौतियों और समाधान के सुझावों को संकलित करना, संगोष्ठी की सफलता होगी।