मध्य प्रदेश में सियासी माहौल लगातार गर्माया हुआ है। ये चुनावी साल है और मिशन 2023 के लिए बीजेपी कांग्रेस दोनों ही एक दूसरे पर जमकर आरोप प्रत्यारोप लगा रही हैं। रोज ही कोई न कोई नया मुद्दा छिड़ा जाता है और एक दूसरे पर तीर चलने लगते हैं। इसी कड़ी में एक बार फिर ‘नशा’ शब्द को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान और कमलनाथ आमने-सामने है।
सीएम शिवराज ने कांग्रेस और कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘अब कांग्रेस में बड़ा नेता बनने के लिए होड़ लगी हुई है और बड़ा कैसे बनें..? कोई विधानसभा में झूठ बोलता है, निलंबित हो जाता है। कोई विधानसभा में नियमावली फाड़ देता है, कोई दिव्यांग को मारकर बड़ा बनने की कोशिश करता है। कोई तो ऐसे बयान देता है कि मध्य प्रदेश और देश में मुस्लिम की संख्या कम हो रही है। कमलनाथ जी को यह लगता है कि कहीं वह छोटे न रह जाएं इसलिए छोटे मियां तो छोटे मियां, बड़े मियां सुभान अल्लाह। वो खातेगांव में जाकर बयान देते हैं कि खातेगांव के मतदाता नशे में हैं, नशे में क्यों है..? बोले कि वह लगातार बीजेपी को जीता रहे हैं इसलिए नशे में है। क्या ये जनता का अपमान नहीं है..? जनता को नशे में कहने वाले क्या खुद नशे में नहीं है..? जनता के प्रति यह इनकी सोच है। कांग्रेस की अंतर्कलह है और गुटबाजी में एक दूसरे को छोटा बनाने के लिए उटपटांग बयान देने का अभियान चला हुआ है। प्रदेश के राजनीतिक इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ।’
वहीं कमलनाथ ने पलटवार करते हुए ट्वीट किया है कि ‘शिवराज जी आपने मध्य प्रदेश के नौजवानों के लिए नशा, फंसा और मिटा का अभियान छेड़ रखा है। शिवराज जी यह तो आप ही जानते होंगे कि आप की पार्टी में कौन से बड़े मियां शराब की तस्करी करा रहे हैं और कौन से छोटे मियां जुआ और सट्टा खिला रहे हैं। हम तो यही जानते हैं कि एक साहब जनता को मामू बना रहे हैं। शिवराज जी मैंने सोचा था कि आपने मध्य प्रदेश को मदिरा प्रदेश बनाने का जो अभियान कई साल पहले छेड़ा था, उसे जनता की नसीहत के बाद छोड़ दिया होगा। लेकिन आप फिर नशे और मदहोशी की बातें करने लगे। आपने अपनी सरकार में शराब की दुकानें इसलिए कई गुना बढ़ा दी कि जनता को नशे में डुबा दें। जितने दिन कुर्सी पर हैं, उतने दिन तो इस कुर्सी की गरिमा रख लीजिए।’