उज्जैन। आचार्यश्री 108 विशुद्ध सागर महाराज से 25 नवंबर को बड़ोद में दीक्षा लेने वाले 8 भईया जी वैराग्य की राह पर चल रहे हैं जिसमें 6 भईया जी की उम्र 20 से 24 साल की हैं जिसने कोई इंजिनियर तो कोई सी. ए., सी एस कर करोड़ों की संपत्ति छोड़ सन्यास लेगे।
चातुर्मास सेवा समिति के प्रदीप झांझरी ने बताया कि सुबह 8 बजे महावीर तपोभूनि से भव्य आगवानी उज्जैन जैन समाज द्वारा की गई जिसमें सभी समाजजन वाहन रैली के रूप में मनोरमा गार्डन तक लेकर आए। वहां पर मुनि श्री 108 सुप्रभ सागर जी एवम् मुनि श्री 108 प्रणत सागर जी महाराज के सानिध्य में सभी भईया जी को हल्दी, मेंहदी लगाकर मांगलिक क्रियाएं की गई। जहां सभी भईयाजी ने अपने वैराग्य का कारण समाज के सामने बताया पश्चात् भव्य बिनौली चल सामारोह के रूप में श्री राजेंद्र जैन सभा गृह से निजातपुरा होते हुए मनोरमा गार्डन कोयला फाटक पहुंची। जहां सभी समाज जनों ने चोक पुराकर, मागलिक गीत गाकर गोद भराई की। सभी दिक्षार्थी कई वर्षों से आचार्य श्री विशुद्ध सागर के साथ ब्रह्मचर्य व्रत का पालन कर जैन धर्म की शिक्षा ग्रहण कर रहे थे। सम्पूर्ण आयोजन में चातुर्मास सेवा समिति के अध्यक्ष शांतिकुमार कासलीवाल, प्रमोद जैन, अशोक जैन, अनिल गंगवाल, पंकज जैन, नीरज सोगानी, नितिन दोषी, अरविन्द बुखरिया, प्रशांत जैन, अभिषेक जैन, मनोज बाकलीवाल आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।